हरियाणा सरकार ने कर्मचारियों की चिकित्सा प्रतिपूर्ति के लिए नई पैनल नीति
को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की स्वीकृति के बाद अब
कर्मचारी, पेंशनभोगी और आश्रित पीजीआइ चंडीगढ़ की दरों पर निजी अस्पतालों
में इलाज करा सकेंगे। गैर-पैकेज प्रक्रियाओं के लिए बकाया राशि का सरकार 75
प्रतिशत भुगतान
करेगी।1स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बताया कि नई नीति के
तहत सौ बिस्तरों वाले मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल, तीस या इससे अधिक बिस्तर
वाले सुपर स्पेशलिटी और सिंगल स्पेशलिटी अस्पताल पैनल के लिए पात्र होंगे।
आंख, दांत, नेफ्रोलोजी और न्यूरोलोजी की सिंगल स्पेशलिटी के लिए केवल दस
बिस्तरों की संख्या लागू होगी। पैनल वाले अस्पताल के पास राष्ट्रीय मान्यता
बोर्ड या ज्वाइंट कमीशन इंटरनेशनल का मान्यता प्रमाण पत्र होना चाहिए।
महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं के निर्देशानुसार अतिरिक्त महानिदेशक स्वास्थ्य
सेवाएं, निदेशक या सिविल सर्जन की अध्यक्षता में समिति इसका निरीक्षण
करेगी। इसमें सदस्यों के रूप में विशेषज्ञ शामिल होंगे। विज ने बताया कि
पात्रता मानदण्डों में यह भी शामिल होगा कि पैकेज दरें विशेषज्ञों द्वारा
तैयार की जाएं। अस्पताल पैकेज दरों तथा इंप्लांट्स पर अपनी सहमति देंगे।
मौजूदा पैनल वाले अस्पतालों के साथ-साथ नवीनीकरण के लिए आवेदन करने वाले
अस्पताल भी नई नीति के जारी होने तक पैनल में रहेंगे।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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