हरियाणा में अब विद्यालयों के अध्यापक अपना पूरा
समय बच्चों की पढ़ाई के लिए दे पाएंगे। शिक्षा विभाग को अब अध्यापकों से
विभिन्न आंकड़ों संबंधी डाक बार-बार मांगने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इसके
लिए विभाग ने निर्णय लिया है कि 15 अगस्त से विभिन्न योजनाओं के लिए आंकड़े
विभाग के मैनेजमेंट इनफारमेशन सिस्टम के माध्यम से लिए जाएंगे। शिक्षा विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि ये निर्णय विभाग की स्टीयरिंग
कमेटी की बैठक में लिए गए। यह
बैठक विद्यालय शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव टीसी गुप्ता की अध्यक्षता में
हुई, जिसमें निदेशक मौलिक शिक्षा हरियाणा आरएस खरब, हरियाणा स्कूल शिक्षा
परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक आलोक वर्मा भी मौजूद थे। बैठक में
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए उठाए जा रहे अनेक मुद्दों पर चर्चा हुई। विभाग
की ओर से अगस्त महीने से गुणवत्ता उत्थान कार्यक्रम चलाने का फैसला
लिया गया है। इसके लिए आवश्यक कदम उठाए जा चुके हैं। अध्यापकों के एपीएआर
भरने की जो समय सीमा नियत की गई थी, उसकी अनुपालना पर जोर दिया गया है। जो
अधिकारी अपने अधीनस्थ कर्मचारियों की एपीएआर समय पर नहीं भेजेंगे, उनके
विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। जिन विद्यालयों ने मासिक परीक्षाओं का रिकार्ड
अपलोड नहीं किया या परीक्षा संचालन या मूल्यांकन में गड़बड़ी की, उनके
विरुद्ध भी विभागीय कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
तीसरी से आठवीं तक मासिक परीक्षाएं सितंबर से: बैठक
में स्कूलों में मासिक परीक्षाओं के स्तर को सुधारने के लिए निर्णय लिया
गया है। इसके तहत सितंबर माह से तीसरी से आठवीं कक्षा की मासिक परीक्षाओं
का संचालन भी हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा किया जाएगा।
प्रश्न पत्र बनाने से लेकर मूल्यांकन तक का कार्य बोर्ड द्वारा किया जाएगा।
इन सब कदमों के फलस्वरूप हरियाणा के सरकारी स्कूलों की शिक्षा में काफी
सुधार होने की आशा है।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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