सरकारी स्कूलों के प्रिंसिपल और हेडमास्टर अब दाखिला और नाम काटने के
रजिस्टर में मनमाने तरीके से काट-छांट नहीं कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें
जिला शिक्षा अधिकारी या उनके समकक्ष की अनुमति लेनी होगी। हरियाणा स्कूल
शिक्षा बोर्ड ने रजिस्टरों की जांच में गड़बड़ी मिलने पर शिकंजा कस दिया
है। बोर्ड के सहायक सचिव संबद्धता की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार
स्कूलों के पंजीकरण एवं अन्य कामों के लिए लगाए गए
रजिस्टर में काफी हेरफेर
देखने को मिल रहा है। स्कूल मुखिया अपने स्तर पर ही वैधानिक रिकार्ड में
फेरबदल करते रहते हैं। इसकी किसी से अनुमति नहीं ली जाती। इससे पंजीकरण और
स्कूल छोड़ने वाले छात्रों की उचित संख्या को लेकर संदेह पैदा होता है।
रजिस्टर पर स्कूल मुखिया के अलावा किसी के भी हस्ताक्षर नहीं होते हैं।
जिला शिक्षा अधिकारियों को ये सुनिश्चित करना होगा कि जांच के लिए बोर्ड
में लाया जाने वाला कोई भी पंजीकरण व दाखिला खारिज करने वाला रजिस्टर स्कूल
मुखिया के अलावा अन्य सक्षम अधिकारियों द्वारा भी सत्यापित किया गया हो।
नई व्यवस्था के अनुसार स्कूल मुखिया रिकार्ड में संशोधन अपने स्तर पर नहीं
कर सकेंगे। उन्हें जिला शिक्षा अधिकारी से अनुमति लेनी ही होगी। बिना
अनुमति संशोधित रिकार्ड को बोर्ड वैधानिक नहीं मानेगा। बता दें कि बोर्ड ने
स्कूलों के रजिस्टर की जांच में दाखिला व नाम काटने के रिकार्ड में काफी
अंतर पाया है। इसलिए सख्ती बरतते हुए ये व्यवस्था अमल में लानी पड़ी है।
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साभार: जागरण समाचार
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