हाईकोर्ट के आदेश के बाद अतिथि शिक्षकों को रिलीव
किए जाने की प्रक्रिया शुरू होने के बाद सरकार के खिलाफ गुस्साए प्रदेश भर
के इन अध्यापकों ने बुधवार को शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा के गढ़ (गृह
जिले) में हुंकार भरी। गेस्ट टीचरों ने यहां देवीलाल पार्क में महापड़ाव कर
पहले ही दिन आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया। वक्ताओं ने सरकार पर तीखा हमला
बोला और कहा कि जब तक न्याय नहीं मिल जाता लड़ाई जारी रखेंगे।
प्रदेश भर
से गेस्ट टीचरों के महापड़ाव में इकट्ठे होने और कानून व्यवस्था भंग होने
की आशंका में एहतियात के तौर पर पुलिस के आलाधिकारियों की मौजूदगी में भारी
जाब्ता तैनात रहा। महापड़ाव को सर्व कर्मचारी संघ और हरियाणा कर्मचारी
महासंघ ने भी समर्थन दिया है। महापड़ाव में
दोपहर 12 बजे बाद अतिथि शिक्षकों की संख्या बढ़ने लगी थी। शाम तक ढाई हजार
से अधिक महिला और पुरुष गेस्ट टीचर अपनी आवाज बुलंद करने को पहुंच चुके
थे। प्रदेशाध्यक्ष राजेंद्र शास्त्री ने सरकार को चेतावनी देते कहा कि अब
आर-पार की लड़ाई है, जब तक उन्हें रेग्युलर नहीं किया जाता तब तक महापड़ाव
नहीं उठेगा। प्रदेशाध्यक्ष ने मंच से कहा कि हक के लड़ाई तब तक जारी रहेगी
जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता। अगर उनके साथ किसी भी प्रकार की
छेड़छाड़ की गई तो इसका मुंहतोड़ जवाब देंगे। संघ के जिला प्रधान दिनेश
यादव ने कहा कि शिक्षामंत्री रामबिलास शर्मा ने झूठ बोला और अपने वादे से
मुकर गए।
धर्म परिवर्तन के लिए दिया शपथ-पत्र: झज्जर
जिले के गेस्ट टीचर संजीव ने महापड़ाव के पहले दिन कोर कमेेटी को हलफनामा
सौंपा कि उसे धर्म परिवर्तन से कोई एतराज नहीं है, अगर सरकार उनका रोजगार
वापस नहीं लौटाती है। वहीं संजीव ने भूख हड़ताल के लिए भी आवेदन दिया है।
गेस्ट टीचरों के महापड़ाव को कई सरकारी कर्मचारी यूनियनों के नेताओं ने
अपना समर्थन दिया। उन्होंने महापड़ाव पर बैठे अध्यापकों को संबोधित करते
हुए बिना शर्त समर्थन देने की घोषणा की। इस दौरान हरियाणा विद्यालय अध्यापक
संघ के प्रधान प्रदीप सरीन, हरियाणा कर्मचारी महासंघ के संजीव मंदौला,
सर्वकर्मचारी संघ के जिला प्रधान महेंद्र सिंह, हरियाणा कर्मचारी महासंघ के
वरिष्ठ सलाहकार शक्ति सिंह सिवाच, रिटायर्ड कर्मचारी संघ के प्रधान
जगन्नाथ ने अपना समर्थन दिया।
कोर्ट ने कहा था 29 के बाद बर्खास्त समझें: सरकार ने किया था एडजस्ट करने का वादा गत
29 मई को हरियाणा सरकार ने सरप्लस गेस्ट टीचरों के मामले में
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में जवाब दाखिल किया था। सुनवाई के बाद जस्टिस अमित
रावल की बेंच ने सरकार को 29 जून तक उचित कार्रवाई का आदेश देने के साथ ही
कहा है कि जो भी सरप्लस गेस्ट टीचर होगा, उसे 29 जून के बाद बर्खास्त समझा
जाएगा। आंदोलन पर उतरे गेस्ट टीचर को
मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने 30 मई को अतिथि शिक्षकों के प्रतिनिधियों
बातचीत कर गेस्ट टीचरों को समान काम समान वेतन के तहत सेवा का आकलन करने के
बाद वेतन वृद्धि दिए जाने और अब तक आंदोलन के दौरान जिन गेस्ट टीचरों की
मौत हो गई, उनके परिजनों को अनुदान देने के अलावा आंदोलनरत गेस्ट टीचरों को
समायोजित करने का भरोसा दिलाया था। इसके बाद गेस्ट टीचर्स ने आंदोलन वापस
ले लिया, लेकिन इसके बाद रविवार से जिला शिक्षा अधिकारियों ने गेस्ट टीचर
को रिलीव करना शुरू कर दिया।
प्रशासन ने की छेड़छाड़ तो देंगे मुंहतोड़ जवाब: गेस्ट
टीचरों का कहना है कि अगर प्रशासन ने हमें दबाने का प्रयास किया तो मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा। इस पर महेंद्रगढ़ के एसपी बलवान सिंह राणा का कहना है कि अतिथि अध्यापकों के महापड़ाव को देखते हुए पुख्ता इंतजाम किए हुए हैं। शिक्षामंत्री
के निवास पर पुलिस बल तैनात कर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। शांतिपूर्वक
धरने के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। अगर किसी भी प्रकार से शांति भंग
करने और कानून व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश की गई तो कड़ी कार्रवाई अमल में
लाई जाएगी।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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