हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड भिवानी ने प्रदेश के
उन निजी स्कूलों की मान्यता रद करने की तैयारी कर ली है, जिन्होंने नौवीं
कक्षा में फर्जी एसएलसी (स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट) लेने वाले विद्यार्थियों
के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने से इंकार कर दिया है। बोर्ड ने इन स्कूलों को
गत 19 मई को पत्र जारी कर निर्देश दिए थे कि फर्जी एसएलसी वाले 3125 बच्चों
के खिलाफ धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज कराएं अन्यथा बोर्ड संबंधित
स्कूलों के
खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएगा। खास बात यह भी है कि बोर्ड ने इन सभी बच्चों का
दसवीं का परीक्षा परिणाम भी रद कर दिया है। जानकारी
के अनुसार, संबंधित स्कूलों की ओर से शैक्षिक सत्र 2013-14 में दसवीं
कक्षा में 3125 बच्चों के पक्ष में बोर्ड के पास जो एनरोलमेंट रिटर्न फार्म
जमा कराए थे, उसके तहत सत्यापित बिंदु 5 सी में स्कूलों ने प्रमाणित किया
था कि बच्चों के एसएलसी अथवा टीसी जांच में पूरी तरह सही पाए गए हैं। इसके
साथ ही स्कूलों ने यह भी लिखकर दिया था कि यदि कोई एसएलसी अथवा टीसी बोगस
पाई गई तो इसके लिए संबंधित स्कूल जिम्मेदार होगा। बोर्ड ने स्कूलों के इसी सत्यापन को कार्रवाई का आधार बना लिया है। बोर्ड
सूत्रों के अनुसार, बोगस एनरोलमेंट फार्म दाखिल किए जाने के आरोप में
शिक्षा बोर्ड ने संबंधित स्कूलों को एनरोलमेंट विनियम 16 व 17 के उल्लंघन
का दोषी मान लिया है। इसके आधार पर अब विभाग ने स्कूलों की सम्बद्धता रद्द
करने संबंधी कारण बताओ नोटिस तैयार कर लिया है। संभवत: सोमवार को होने वाली
बैठक में निर्णय लेकर संबंधित स्कूलों को पत्र भेज दिए जाएं।
शिक्षा बोर्ड पर बच्चों के भविष्य से खेलने का आरोप: हरियाणा
प्राइवेट स्कूल संघ ने पहले 3125 बच्चों पर एफआईआर का फरमान और अब संबंधित
स्कूलों के खिलाफ संभावित कार्रवाई की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा
है कि कोई भी स्कूल प्रबंधन शिक्षा बोर्ड को बच्चों के भविष्य से खिलवाड़
करने की इजाजत नहीं देगा। संघ के प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि यदि बोर्ड ने
स्कूलों के खिलाफ कोई कार्रवाई की तो इसका कड़ा विरोध किया जाएगा।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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