हरियाणा के सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था का भगवान ही मालिक है। लगभग
साढ़े पांच हजार मौलिक स्कूलों में अव्यावहारिक नियम लागू किए जाने से
शिक्षा का पूरा ढांचा ही गड़बड़ा गया है। साइंस के शिक्षक गणित और संस्कृत
के हिंदी पढ़ा रहे हैं। आलम यह है कि मेडिकल संकाय से बीएससी या एमएससी
करने वाले शिक्षकों को गणित का उतना ज्ञान नहीं है, जितना वर्तमान सिलेबस
के हिसाब से होना चाहिए। यही हाल हिंदी
पढ़ाने वाले संस्कृत शिक्षकों का
है। चूंकि उन्होंने एमए अपने मूल विषय में की है, इसलिए हिंदी से उनका
अधिक सरोकार नहीं रहा। मौलिक स्कूलों में कार्यरत शिक्षक शिक्षा का अधिकार
नियम के विरुद्ध कक्षाओं का आकार बढ़ाने से भी खफा हैं। कक्षा 6 से 8 मे 51
बच्चों पर व 9 से 12 में 61 बच्चों पर दूसरा सेक्शन बनाया जा रहा है।
आरटीई में तीस से पैंतीस बच्चों की कक्षा का प्रावधान है। अब एक अध्यापक
पचास से साठ बच्चों को कितनी गंभीरता से पढ़ाएगा, सहज ही अंदाजा लगाया जा
सकता है। संस्कृत वैकल्पिक विषय है, जबकि हिंदी मूल विषय। बावजूद संस्कृत
के शिक्षकों की नियुक्ति कर हिंदी विषय को पढ़ाया जा रहा है। हरियाणा
विद्यालय अध्यापक संघ अव्यावहारिक रेशनेलाइजेशन के विरोध में कई बार आवाज
उठा चुका है। अध्यापक संघ ग्रीष्मकालीन अवकाश के बजाए 30 सितंबर की छात्र
संख्या के आधार पर रेशनलाईजेशन के पक्ष में है।
रेशनलाइजेशन का करेंगे
विरोध: हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के राज्य प्रधान वजीर सिंह, महासचिव
सीएन भारती व राजपाल मिताथल ने प्रस्तावित रेशनलाइजेशन प्रक्रिया को सिरे
से खारिज कर दिया है। इनका कहना है कि सरकार की नीतियां शिक्षा विरोधी हैं।
अध्यापकों के ज्यादा से ज्यादा पदों को समाप्त किया जा रहा है। आरटीई के
अनुसार सभी विषयों के अलग-अलग अध्यापक सरकार नियुक्त करे। इसके बिना शिक्षा
के स्तर में सुधार नहीं आएगा। सप्ताह में एक विषय के पीरियड कम से कम 6 व
मुख्य विषयों के 10 से कम नहीं होने चाहिए।
धरने की तैयारी में एलिमेंटरी
हेडमास्टर: प्रदेश के मौलिक स्कूल मुख्याध्यापक अध्यापक कार्य लिए जाने से
खफा होकर शिक्षा निदेशालय पर धरने की तैयारी कर रहे हैं। एलिमेंटरी
हेडमास्टर एसोसिएशन ने रणनीति तैयार करने के लिए आपात बैठक बुलाई है। इसमें
सरकार के आदेशों की समीक्षा कर धरने के स्वरूप को लेकर चर्चा की जाएगी।
एसोसिएशन अध्यक्ष दलबीर मलिक ने मुख्याध्यापकों से पूर्ण अध्यापन कार्य लिए
जाने को उनके हितों पर कुठाराघात करार दिया है।
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साभार: जागरण समाचार
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