हरियाणा की सड़कों पर अब प्रदूषण फैलाने वाले कंडम वाहन दिखाई नहीं देंगे।
सरकार ने दस साल पुराने डीजल और पंद्रह साल पुराने पेट्रोल वाहनों के
संचालन पर प्रतिबंध लगा दिया है। परिवहन विभाग ने पुराने वाहनों के सड़कों
पर न उतरने के आदेश जारी कर दिए हैं। पूर्व परिवहन आयुक्त डॉ. अशोक खेमका
ने नेशनल ग्रीन टिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश से पहले ही हरियाणा के एनसीआर
में आने वाले जिलों में बीएस-फोर वाहनों का
पंजीकरण अनिवार्य कर दिया था,
लेकिन ट्रांसपोर्ट लाबी के दबाव के चलते वे इसे लागू नहीं करा पाए थे। अब
सरकार ने एनजीटी के आदेश पर अमल किया है। चोरी-छिपे वाहन चलाते पकड़े जाने
पर भारी जुर्माने का प्रावधान है। अब राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अंतर्गत
आने वाले 13 जिलों में सिर्फ भारत स्टेज-फोर वाहन ही पंजीकृत होंगे। पर्यावरण मंत्रियों की हाल में हुई बैठक में पर्यावरण मंत्री कैप्टन
अभिमन्यु ने प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर जल्द रोक लगाने की हामी भरी थी,
जिसे परिवहन विभाग ने लागू कर दिया है। प्रदेश सरकार जल्द ही सोनीपत व
पानीपत में वायु प्रदूषण निगरानी केंद्र स्थापित करेगी। अगले दो महीने में
दिल्ली की हवा में प्रदूषण कम करने के मद्देनजर हरियाणा सरकार एनसीआर के
जिलों में वाहनों के संचालन को लेकर और कड़े कदम उठा सकती है।
- दस साल पुराने डीजल व 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन प्रदेश में प्रतिबंधित
- कंडम वाहन हटाने के खेमका के आदेश पर सरकार की मुहर
- एनजीटी के आदेश पर अमल करते हुए सरकार ने लगाई संचालन पर रोक
- एनसीआर के 13 जिलों में बीएस-फोर वाहन ही होंगे पंजीकृत
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साभार: जागरण समाचार
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