Friday, June 19, 2015

गैजेट्स का ज्यादा इस्तेमाल, आँखों के लिए गलत; क्या हैं बचने के उपाय

गैजेट्स का अधिकतर इस्तेमाल करने वाले लोग आंखों की परेशानी से ग्रसित रहते हैं। रात में स्मार्टफोन का इस्तेमाल करना आजकल लोगों की आम आदतों में से एक बन गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार स्मार्टफोन्स के ज्यादा इस्तेमाल से लोगों को अंधेपन, नजर का कमजोर होना जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में कुछ आसान सी टिप्स के चलते यूजर्स की आंखों पर किसी भी गैजेट की स्क्रीन से कम नुकसान होगा। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसी टिप्स के बारे में जिनसे यूजर्स की
आंखों को गैजेट्स से कम नुकसान होगा: 
  1. 20-20-20 रूल ध्यान में रखें: अगर आप नियमित तौर पर स्मार्टफोन, टैबलेट या कम्प्यूटर का इस्तेमाल कर रहे हैं तो ध्यान रखें इस रूल का। हर 20 मिनट में आपसे 20 फिट दूर रखी किसी वस्तु को 20 सेकंड तक देखें ये labnol.org की एक ट्रिक है जो आखों की एक्सरसाइज का काम करती है। इससे यूजर्स की आंखों को आराम मिलता है और उनकी एक्सरसाइज भी होती है। अगर आपको काम में समय का ध्यान नहीं रहेगा तो विंडोज से लिए ब्रेकटेक ( BreakTaker) या एप्पल मैक के लिए टाइम आउट (Time Out) प्रोग्राम का इस्तेमाल कर सकते हैं। ये प्रोग्राम्स यूजर्स के ब्रेक लेने के लिए ही बनाए गए हैं। 
  2. अपने गैजेट की स्क्रीन की डिस्प्ले सेटिंग्स चेक करें: आप चाहें किसी भी गैजेट का इस्तेमाल कर रहे हों, चहें स्मार्टफोन, या कम्प्टूर या टैबलेट अपने गैजेट की डिस्प्ले सेटिंग्स बदलिए। अगर कम्प्यूटर में ब्राइटनेस, शार्पनेस, या कलर बढ़े हुए हैं तो उसे कम कीजिए। ज्यादा ब्राइट या शार्प स्क्रीन यूजर्स की आंखों पर ज्यादा प्रेशर पड़ता है। इसके अलावा, अगर गैजेट का फॉन्ट साइज बहुत छोटा है तो यूजर्स को लंबे डॉक्युमेंट्स पढ़ने में परेशानी होगी। इसलिए अपने गैजेट की डिस्प्ले सेटिंग्स को ऐसा सेट कीजिए जिससे आंखों को नुकसान कम हो। अगर आपकी स्क्रीन HD है तो 45 % कलर और ब्राइटनेस से भी अच्छी डिस्प्ले क्वालिटी आएगी और आंखों को नुकसान कम होगा। 
  3. अपना डिस्प्ले अपग्रेड करें: अगर अभी भी आप पुराने CRT मॉनिटर का इस्तेमाल कर रहे हैं या फिर ऐसे मॉनिटर का इस्तेमाल कर रहे हैं जिसमें स्क्रीन फ्लिकर कर रही है या डिस्प्ले डल हो गया है तो तुरंत अपना मॉनिटर बदल लें। अगर आपको पहले से ही चश्मा लगा हुआ है तो ऐसी स्क्रीन को चुने जिसका रेजोल्यूशन ज्यादा हो। चश्मा एंटी ग्लेयर वाला बनवाएं जो स्क्रीन की रेंज कम कर देता है। आखों के लिए बेहतर होगा कि TFT या LED स्क्रीन की जगह LCD स्क्रीन वाले स्मार्टफोन्स, कम्प्यूटर्स का इस्तेमाल करें। 
  4. एंटी रिफ्लेक्टिव कोटिंग का करें इस्तेमाल: अगर आप स्मार्टफोन या लैपटॉप का इस्तेमाल कर रहे हैं तो सबसे जरूरी होगा एंटी रिफ्लेक्टिव कोटिंग का इस्तेमाल करना। स्क्रीन प्रोटेक्टर या स्क्रीन गार्ड आसानी से कम कीमतों में मार्केट में उपलब्ध होते हैं ये ना सिर्फ स्क्रीन को स्क्रैच से बचाते हैं बल्कि इनके कारण आंखों पर प्रेशर भी कम पड़ता है। मार्केट में डिवाइस के हिसाब से स्क्रीन गार्ड मिल जाएगा। 
  5. लोकेशन का रखें ध्यान: किसी भी गैजेट का इस्तेमाल करने से पहले ये ध्यान रखें की उसकी पोजीशन क्या है। अगर आप कम्प्यूटर का इस्तेमाल कर रहे हैं तो मॉनिटर कम से कम 20-30 इंच की दूरी पर रखें। इसी के साथ, ज्यादा रौशनी वाले कमरे में गैजेट्स का इस्तेमाल करें। कम रौशनी वाले कमरे में इस्तेमाल से गैजेट्स की स्क्रीन ज्यादा रिफ्लेक्ट करती है और यूजर्स की आंखों पर प्रेशर ज्यादा पड़ता है।
साभार: भास्कर समाचार 
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