Friday, June 5, 2015

ये नौ बातें रखें ध्यान: बचेगा खूब पैसा

हर व्‍यक्ति कम समय में धनवान बनना चाहता है। इसके लिए फाइनेंशियल प्‍लानिंग ऐसी होनी चाहिए जो आपके धनी बनने में महत्‍वपूर्ण रोल निभाए। आज आपको बताते हैं फाइनेंशियल प्लानिंग के कुछ ऐसे नुस्खे जिसे अपनाना भी काफी आसान है और अगर आप इन्हें अपनाते हैं तो निश्चित तौर पर आपके वित्तीय जीवन में खुशियां आएंगी। कभी-कभार फाइनेंशियल प्लानिंग में कुछ न करने वाली चीजें भी निवेश पोर्टफोलियो के पक्ष मे काम करते हुए ठीक-ठाक
रिटर्न अर्जित करती है। आइये, ऐसे ही आठ नुस्खों की चर्चा करते हैं जो आपके पर्सनल फाइनेंस को निश्चित रूप से मजबूत बनाएंगे। 
  1. रिटर्न के पीछे भागने में है नुकसान: सामान्य तौर पर रिटर्न एकमात्र ऐसी वजह होती है जिसके लिए लोग निवेश करते हैं। इसलिए, एक आम निवेशक के लिए यह प्रश्न भी काफी सामान्य सा है कि इन दिनों कहां निवेश किया जाए। इसी वजह से निवेशक विभिन्न एसेट क्‍लास से खेलते रहते हैं और अपना निवेश कभी इक्विटी तो कभी गोल्ड और कभी सोने में घुमाते रहते हैं। अपनी इस आदत के कारण वह कहीं से भी पर्याप्त रिटर्न प्राप्त नहीं कर पाते। रिटर्न के पीछे भागने की आदत ज्यादातर निवेशकों में होती है और यही कारण है कि सबसे अच्छे रिटर्न देने वाले निवेश के विकल्प की तलाश निवेशकों को कहीं का नहीं छोड़ती। इस व्यवहार से आपका निवेश पोर्टफोलियो गड़बड़ाता चला जाता है क्योंकि आप बाजार के सही समय का निर्धारण नहीं कर सकते। इसलिए, फाइनेंशियल प्लानिंग का पहला मंत्र है रिटर्न के पीछे मत भागिए। 
  2. जल्‍दबाजी में न करें टैक्‍स प्‍लानिंग: निवेशक सिर्फ टैक्स सेविंग के लिए निवेश कर एक बड़ी गलती करते हैं। ज्यादातर लोग धारा 80सी के तहत निवेश करते हैं और यह उनके निवेश का लगभग 80 फीसदी होता है और यही वजह है कि टैक्स प्लानिंग किसी भी व्यक्ति के पर्सनल फाइनेंस का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। इसे योजनाबद्ध तरीके से क्रियान्वित किए जाने की जरूरत है। धारा 80सी के तहत निवेश के कई विकल्प हैं जिनके जरिए आप अपनी कम अवधि और लंबी अवधि के लक्ष्यों, अपनी जोखिम उठाने की क्षमता के अनुरूप चुन कर अपना भविष्य सुखमय बना सकते हैं। लेकिन, अगर आप केवल टैक्स सेविंग के बारे में सोचेंगे तो आपको कुछ ऐसे प्रोडक्ट भी बेचे जा सकते हैं जिनकी आपको कोई जरूरत ही न हो। जब आप टैक्स प्लानिंग के मूल सिद्धांतों का पालन करते हैं, जो भले ही निवेश से संबंधित न हों, तो कई बार स्वत: ही आप अपने टैक्स का खर्च कम करते हुए ज्यादा रिटर्न प्राप्त करते हैं।  
  3. दोस्‍तों या रिश्‍तेदारों पर एहसान के लिए न करें निवेश: शायद ही ऐसा कोई निवेशक हो जो अपने दोस्त, रिश्तेदारों आदि को खुश रखने के लिए या एहसान जताने के लिए उनसे कोई इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट न खरीदा हो। रिश्तेदारों या दोस्तों से फाइनेशियल प्रोडक्ट लेने में तब कोई बुराई नहीं है जब आप उनसे अपनी जरूरत के आधार पर प्रोडक्ट खरीदते हैं। स्थिति तो तब और बुरी हो जाती है जब निवेशक यह समझते हैं कि प्रोडक्ट उनके लायक नहीं है फिर भी उसमें अपना निवेश बनाए रखते हैं।  
  4. नकदी प्रवाह के बारे में अंदाजा न लगाएं: अपनी कमाई का बढ़ा-चढ़ा कर आकलन करना यानी भविष्य की कमाई के आधार पर खर्च करने की योजना बनाना संकट में डाल सकता है। जब लोग अपने फाइनेंस पर होम लोन,कार लोन, पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड का कर्ज आदि का जरूरत से ज्यादा बोझ यह सोच कर डालते हैं कि भविष्य में उनकी कमाई अच्छी रहेगी या उसमें इजाफा होगा तो वास्तव में वह अपने फाइनेंशियल भविष्य को अनिश्चित बना डालते हैं। किसी भी व्‍यक्ति को अपने फाइनेंस का वास्तविक नजरिया रखना चाहिए, यह तय करना चाहिए कि क्‍या जरूरी है और क्या नहीं। इसके बाद ही पैसे खर्च करने चाहिए।  
  5. अपनी इच्छाओं पर भी खर्च कीजिए: यह सोच कर चलना भी ठीक नहीं है कि एक दिन जब नकदी प्रवाह समाप्त हो जाएगा तब क्या होगा? बचत के साथ-साथ अपनी इच्छाओं पर भी खर्च कीजिए। हां, आपकी वर्तमान और भविष्य की जरूरतों तथा इच्छाओं के बीच एक संतुलन होना बहुत जरूरी है। छुट्टियां मनाने जाना भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना रिटायरमेंट के लिए बचत करना। लेकिन अगर रिटायरमेंट की बचत आपके छुट्टियां मनाने से प्रभावित होती हैं तो अपने अन्य खर्च घटाएं, छुट्टियों के दिन घटाएं और एक बजट बना कर चलें। अगर आप फाइनेंशियली प्लान्ड होते हैं तो हर चीज का प्रबंधन कर सकते हैं।  
  6. एक ही एसेट क्‍लास में न करें ज्यादा निवेश: जैसा कि पहले नुस्खे में बताया गया है कि अगर आप बाजार के सही समय का निर्धारण करने वाले हैं और अल्पावधि में ज्यादा मुनाफे के लिए रुझानों को देखते हैं तो संभव है आप किसी एक एसेट क्‍लास में ज्यादा निवेश कर रहे हों। ज्यादातर लोग केवल पब्लिक प्रोविडेंट फंड, पारंपरिक एंडोमेंट प्लान, बैंक एफडी में निवेश कर डेट पर आश्रित रह जाते हैं। ऐसे निवेशकों को इक्विटी में निवेश करते हुए डर लगता है और उनके पास रियल एस्टेट में निवेश के लिए पर्याप्त पैसे नहीं होते हैं। कुछ लोग सिर्फ रियल एस्टेट में ही निवेश करते हैं और खुद के बारे में कहते हैं कि रिस्क नहीं लेना चाहता। आपको इस तरह के कई उदाहरण मिल जाएंगे। लेकिन सफल निवेश का सूत्र यह है कि एसेट क्‍लास को समझते हुए अपनी जोखिम उठाने की क्षमता के अनुसार निवेश किया जाए और निवेश पोर्टफोलियो को समय-समय पर बैलेंस किया जाए।  
  7. बेवजह न करें निवेश, लक्ष्‍य पहले ही तय कर लें: लक्ष्य आपकी बचत को दिशा देते हैं। यह निवेश की अवधि निर्धारित करने में मदद करते हैं। अवधि की वजह से आपको उचित एसेट क्‍लास चुनने में मदद मिलती है और एसेट क्‍लास आपको सही प्रोडक्ट चुनने में सहायता करता है। अगर आप अपने निवेश को कोई कारण नहीं देते हैं या दूसरे शब्दों में कहें तो अगर आप निवेश को लक्ष्य की दिशा नहीं देते हैं तो इस बात की संभावना अधिक रहेगी कि आप जल्दबाजी में निवेश कर बैठेंगे। अगर आप निवेश प्रोडक्ट के साथ लक्ष्य तय करते हैं तो आप यह बेहतर जान रहे होते हैं कि आपको निकासी कब करनी है या फिर दोबारा कब निवेश करना है। 
  8. बचत और खर्च का बजट बना कर चलें: आपको यह समझना चाहिए कि आप कहां खर्च कर रहे हैं, क्यों खर्च कर रहे हैं और इस खर्च से आपकी फाइनेंशियल प्लानिंग किस तरह प्रभावित हो रही है। जब आप फाइनेंस के सभी पहलू को लेकर चलते हैं तो आपको अपने खर्च के मामले में अनुशासित रहना चाहिए और इस अनुशासन को बनाए रखने के लिए बजट बना कर चलना चाहिए। बजट से आपको सुनियोजित तरीके से खर्च करने में मदद मिलेगी और इस प्रकार आपकी बचत की राशि में इजाफा होगा। अगर आपको खर्च का बजट बनाने में दिक्कत होती है तो आप बचत का बजट बना कर चलिए। यह तय कर लीजिए आपको अपनी कमाई का एक निश्चित प्रतिशत प्रत्येक महीने बचाना है और फिर शेष पैसों से अपने परिवार का खर्च चलाएं। कुल मिला कर खर्च करने से पहले बचत कर लिया कीजिए।  
  9. जरूरत पड़ने पर लें फाइनेंशिल प्‍लानर की मदद: अगर आप खुद से तय नहीं कर पा रहे हैं कि आपको कहां और कितना निवेश करना चाहिए जिससे आपकी भविष्‍य की जरूरतें पूरी हो सके तो फाइनेंशिल प्‍लानर की मदद लेने से न हिचकिचाएं। आपका निवेश सलाहकार आपको बिना लालच और भेद-भाव के सलाह देगा क्‍योंकि यह उसका पेशा होता है। अब फाइनेंशियल प्‍लानर्स भी नियमन के दायरे में आ गए हैं। एक इमानदार और जानकार फाइनेंशियल प्‍लानर सही सलाह देकर आपके पैसों में पंख लगा सकता है।
साभार: भास्कर समाचार
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE . Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.