Friday, June 19, 2015

उद्यमियों की सहायता से होंगे कॉलेजों में शोध कार्य

हरियाणा के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में ठप पड़े शोध कार्यो को मनोहर सरकार उद्यमियों की मदद से गति प्रदान करेगी। प्रदेश सरकार ने शोध कार्य के लिए उद्योग सामाजिक दायित्व फंड के तहत उद्योगों से मदद लेने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री विभिन्न विश्वविद्यालयों में गठित 16 पीठ में शोध कार्य न के बराबर होने से नाखुश हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में यहां हुई उच्च शिक्षा परिषद की तीसरी बैठक में इस
पर सहमति बनी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालयों में पीठ का रखरखाव व शोध कार्य नाममात्र है। विश्वविद्यालयों में विभिन्न विभूतियों के नाम स्थापित पीठ पर सही मायने में कार्य होना चाहिए। समाज की ऐसी विभूतियों के प्रति भाव-भावना व श्रद्धा जुड़ी होती है। बैठक में तय हुआ कि सरकार अब हरियाणा के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के काम का आंकलन कराएगी। इसके लिए बेंगलुरु की तर्ज पर राज्य मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद गठित करने का निर्णय लिया गया है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति परिषद के गठन की संभावनाएं तलाश करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी कॉलेजों व विश्वविद्यालयों की मैपिंग की जा रही है। पूरे प्रदेश के विद्यार्थियों का डाटाबेस तैयार किया जाएगा। वर्तमान शैक्षणिक सत्र से स्नातक व स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष के लिए दाखिले ऑनलाइन किए जा रहे हैं। अब तक 1.30 लाख विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नए कॉलेज आवश्यकता अनुसार ही खोले जाएंगे। उन्होंने कुलपतियों को विश्वविद्यालयों में विभिन्न शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक पदों पर भर्ती में पूरी पारदर्शिता बरतने के लिए कहा है। 
जेबीटी व बीएड कालेजों पर कसी नाएगी नकेल: शिक्षा मंत्री राम बिलास शर्मा ने कहा कि जल्द नई शिक्षा नीति की घोषणा होगी। जेबीटी व बीएड महाविद्यालयों का निरीक्षण किया जाएगा। कुछ महाविद्यालय विद्यार्थियों का दाखिला भारी फीस लेकर कर रहे हैं, ऐसी जानकारी शिक्षा विभाग के पास है। शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विजय वर्धन ने उच्च शिक्षा व्यवस्था पर बैठक में प्रस्तुतिकरण दिया। तकनीकी शिक्षा विभाग की प्रधान सचिव धीरा खण्डेलवाल ने मुख्यमंत्री को हरियाणा कौशल विकास मिशन के गठन की जानकारी दी। विश्वविद्यालयों में नए कोर्स: विश्वविद्यालयों में ऑटोमोबाइल, एंटरटेनमेंट, सूचना प्रौद्योगिकी, दूरसंचार, मार्केटिंग, कृषि, कंस्ट्रक्शन, एप्लाइड आर्ट्स, पर्यटन तथा प्रिंटिंग एवं पब्लिशिंग के स्नातक व्यावसायिक शिक्षा के पाठ्यक्रम शुरू करने को सरकार ने मंजूरी दी है। उच्च शिक्षा विभाग के लिए वित्त वर्ष 2015-16 के लिए 542 करोड़ रुपये योजनागत तथा 838.10 करोड़ रुपये गैर योजनागत बजट स्वीकृत किया गया है।
साभार: जागरण समाचार 
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