Sunday, June 14, 2015

विडम्बना: थ्री-डी पेंटिंग का उस्ताद, नहीं बन पाया कला शिक्षक

इच्छा कला अध्यापक बनने की थी। आवेदन भी किया, मगर नौकरी नहीं मिली। निराश तो हुए पर हौसला बरकरार रखा। सोचा क्यों ने हुनर को पेशेवर रूप दिया जाए। आज इनकी शख्सियत गुदड़ी के लाल जैसी है। मुंडाहेड़ा गांव का यह युवक मुकेश कलगन थ्री-डी पेंटिंग में शोहरत हासिल कर रहा है। राष्ट्रीय स्तर पर सफलता के झंडे गाड़ने के बाद मुकेश अब रियलिटी शो इंडियाज गॉट टेलेंट में प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। एमडीयू से फाइन आर्ट में ग्रेजुएशन के बाद दो वर्ष का डिप्लोमा करके मुकेश ने इसी
को अपना करियर बना लिया।
जीवंता सी प्रतीत होती है पेंटिंग में: उनकी पेंटिंग को देखकर पहली बार में देखने वाला इस कदर हैरान हो जाता है कि उसे यह ही नहीं लगता कि वह पेंटिंग है बल्कि उसे वहीं पेंटिंग किसी भवन की तरह लगती है। अभी तक देश के पुणो, मुंबई जैसे बड़े शहरों में अपनी प्रतिभा दिखा चुके मुकेश को फिल्मों में भी अवसर मिला है। हालांकि उसे आइपीएल 2015 में भी पेंटिंग का ऑफर मिला था, मगर समय कम होने के कारण वह आइपीएल में अपनी पेंटिंग नहीं बना पाया। मुकेश के गांव में भले ही कैनवास और कूची को जानने वालों की संख्या न के बराबर हो, मगर बुजुर्ग कहते हैं कि मुकेश का सिक्का चलते ही गांव में भी ऐसे कई ओर चित्रकार पैदा होंगे। स्वयं को लेकर उनका कहना है कि 2011 में नौकरी का अवसर चूकने में बाद थ्री-डी पेंटिंग को ही अपनी आजीविका का साधन बना लिया। उसे करियर के तौर पर चुना तो सफलता का फलसफा भी लिखा जाने लगा। फिलहाल, नौकरी को जरूरत भी नहीं समझता। 
साभार: जागरण समाचार
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