कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी की परीक्षा शाखा की गोपनीयता और कारगुजारी की
पोल 30 मई के सड़क हादसे में खुल गई। केयू परीक्षा शाखा किस तरह पेपरों के
सीक्रेट बंडलों को दिहाड़ी पर लगे कर्मचारियों के हवाले छोड़कर परीक्षाओं
का संचालन कर रही है। इससे परीक्षा सामग्री के रखरखाव पर प्रश्न चिन्ह लगता
है। हालांकि ऐसे मामलों में सख्त एक्शन
लेने की बजाए केयू प्रशासन का रवैया पहले भी कई बार काफी लचीला साबित हो
चुका
है। बहरहाल केयू के अधिकारियों की पूरी ताकत इस प्रकरण पर पर्दा डालने
में लगी हुई है। हालांकि वीसी और रजिस्ट्रार पहले की तरह इस मामले में
सख्त एक्शन लेने की बात कह रहे हैं। सख्त एक्शन किस पर होगा? क्या होगा? ये
जानकारी जानकारी वीसी और रजिस्ट्रार अभी तक स्पष्ट रूप से देने की स्थिति
में नहीं है।
वहीं इनके तर्क गले नहीं उतर
रहे, क्योंकि वीसी और रजिस्ट्रार का कहना है कि अभी तक उन्हें ये रिपोर्ट
नहीं मिली है कि जिस गाड़ी में 30 मई को पेपरों के बंडल करनाल भेजे गए थे,
उसमें केयू का कोई स्थायी कर्मचारी था भी या नहीं। यहां बता दें कि सुभाष
मंडी पुलिस चौकी की रिपोर्ट में इसके पुख्ता सबूत उपलब्ध हैं। संबंधित
पुलिस चौकी के प्रभारी यशदीप सिंह के मुताबिक 30 मई को तड़के साढ़े तीन बजे
एलएनजेपी अस्पताल से उन्हें हादसे की सूचना मिली थी। तब उन्हें ज्ञात हुआ
कि एक इनोवा पुराने बस अड्डे के समीप दुर्घटनाग्रस्त हुई है। इस इनोवा में
केयू का अस्थाई कर्मचारी गांव खिदरपुरा वासी कृष्ण कुमार और इनोवा चालक
ललित कुमार सवार थे। चौकी प्रभारी के मुताबिक ड्राईवर ने बयान दिया था कि
गाड़ी में दो ही लोग सवार थे, यानि बयान स्पष्ट कर रहा है कि गाड़ी में
केयू का अन्य कोई स्थायी कर्मचारी नहीं था।
कई घटनाओं के बावजूद घोर लापरवाही: केयू
कर्मचारी संघ के पूर्व अध्यक्ष मान सिंह के मुताबिक किसी भी अस्थाई
कर्मचारी को पेपरों की सप्लाई देने जैसे महत्वपूर्ण कार्य सौंपना केयू
परीक्षा शाखा की घोर लापरवाही को उजागर कर रहा है। उनके मुताबिक इन्हीं
कारणों से पेपर लीक जैसी घटनाएं होने की संभावना बनी रहती है। ये हालात तब
हैं, जबकि पिछले दिनों दो पेपरों के लीक होने जैसी घटनाओं के चलते
परीक्षाओं को रद करने नौबत कई बार आई थी। यहां ये बताना लाजिमी है कि इसी
यूनिवर्सिटी में उत्तर पुस्तिकाओं, प्रश्नपत्रों और डीएमसी के बंडल चोरी
होने और इनमें छेड़खानी जैसी घटनाएं कई बार सामने आ चुकी हैं।
कच्चे कर्मचारी के हाथ पेपर भेजना सरासर गलत: केयू
के कुलपति सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. डीडीएस संधू ने अमर उजाला से
बातचीत में माना कि ये सरासर गलत है कि इतने महत्वपूर्ण कार्य का जिम्मा
किसी कच्चे कर्मचारी के हाथों में दिया जाए। उन्होंने कहा कि उन्होंने आज
पूरा दिन इसी मामले में फोकस रहा। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच कराई
जा रही है और सख्त एक्शन लिया जाएगा।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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