Tuesday, June 16, 2015

AIPMT परीक्षा रद्द, चार सप्ताह में दोबारा करवाने का आदेश

नकल रहित परीक्षा न करा पाने का प्रशासन का खमियाजा छात्रों को भुगतना पड़ेगा। डॉक्टर बनने का ख्वाब देख रहे लाखों छात्रों को दोबारा ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट (एआइपीएमटी) देना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने नकल की शिकायतों पर एआइपीएमटी-2015 को रद कर दिया है। कोर्ट ने सीबीएसई को चार सप्ताह में दोबारा परीक्षा कराने का आदेश दिया है। कोर्ट ने व्यवस्था में भरोसा और परीक्षा की विश्वसनीयता कायम रखने के लिए
सोमवार को यह महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। शीर्ष अदालत के इस कदम से आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर इस परीक्षा में जिन्होंने नकल की वे मुन्नाभाई एमबीबीएस नहीं बन पाएंगे। इसका दूसरा पहलू यह भी है कि उन मेधावी छात्रों को भी अनिश्चितता का सामना करना पड़ेगा जिन्होंने राज्य की संयुक्त मेडिकल परीक्षा में अच्छी मेरिट पाई है पर विकल्प चुनने से पहले एआइपीएमटी के नतीजों का इंतजार कर रहे थे। गत तीन मई को देशभर में 1050 परीक्षा केंद्रों में करीब 6.3 लाख छात्रों ने एमबीबीएस और डेंटल के पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एआइपीएमटी में भाग लिया था। हरियाणा पुलिस ने रोहतक परीक्षा केंद्र में उत्तर पुस्तिका लीक करने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया, जिससे एआइपीएमटी में बड़े पैमाने पर नकल कराए जाने का पर्दाफाश हुआ। नकल कराए जाने का भंडाफोड़ होने पर सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दाखिल कर परीक्षा रद कराने की मांग की गई थी। सोमवार को न्यायमूर्ति आरके अग्रवाल व अमिताव राय की पीठ ने एआइपीएमटी को रद कर दिया। कोर्ट ने सभी संबंधित संस्थानों को इस दोबारा होने वाली परीक्षा में पूरा सहयोग करने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि सीबीएसई और संबंधित संस्थान प्रयास करेंगे कि दोबारा परीक्षा और उसके बाद की प्रवेश प्रक्रिया में कम से कम देरी हो।

साभार: जागरण समाचार
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