ऑल इंडिया प्री-मेडिकल टेस्ट लीक मामले में हरियाणा पुलिस ने देश भर के
हजारों विद्यार्थियों को मुन्नाभाई बनने से बचा लिया। पुलिस रिपोर्ट पर
संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा रद कर दी है। इस सफलता के लिए
डीजीपी यशपाल सिंघल ने रोहतक रेंज के आइजी व पुलिस की सराहना की है। रोहतक
रेंज के आइजी श्रीकांत जाधव ने सोमवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा
कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा एआपीएमटी की परीक्षा रद
करना हरियाणा पुलिस के लिए
गर्व की बात है। इससे जहां हजारों छात्रों को गया, वहीं पात्र और मेहनती
छात्रों को न्याय मिला है। उन्होंने कहा कि पेपर लीक मामले की तफ्तीश आसान
नहीं थी, लेकिन देश भर के परीक्षार्थी व अभिभावकों से मिले सहयोग से हौसला
मिला और गिरोह का खुलासा किया जा सका। लाखों बच्चों के भविष्य से जुड़ा
होने के कारण यह जांच पुलिस के लिए कड़ी चुनौती थी।
सीबीएसई को भेजे जाएंगे
सुझाव: जाधव ने कहा कि उनकी जांच पर सुप्रीम कोर्ट ने इतना बड़ा फैसला
लिया है। ऐसे में सीबीएसई को आगामी परीक्षा के लिए सुधार करना होगा।
हरियाणा पुलिस द्वारा सीबीएसई को परीक्षा संचालन के संदर्भ में सुझाव भी
भेजे जाएंगे।
परीक्षा रद, सरगना अब भी फरार: सुप्रीम कोर्ट ने एआइपीएमटी
परीक्षा को रद कर दिया, लेकिन इस पेपर लीक मामले में मुख्य सरगना मदीना
गांव निवासी रूप कुमार दांगी को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी। सुप्रीम कोर्ट के अनुसार परीक्षा में
जैसी प्रमाणिकता और विश्वसनीयता होनी चाहिए, वह इसमें नहीं है। जिस तरह का
अतिक्रमण इस मामले में देखने को मिला है वह गहरे और व्यापक असर की ओर इशारा
करता है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। ऐसा करना उम्मीदवारों के बीच
मेरिट के आधार पर निष्पक्ष निर्णय लेने की व्यवस्था का गला घोटने के समान
होगा। कोर्ट ने फैसले में नकल प्रकरण पर पुलिस की जांच
रिपोर्ट का ब्योरा दिया है लेकिन साफ किया है कि इसका जांच पर कोई असर नहीं
होगा। इसे सिर्फ मामले में संदर्भ के तौर पर देखा जाएगा। कोर्ट ने जांच
एजेंसी से जांच पूरी करने को कहा है।
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साभार: जागरण समाचार
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