Wednesday, April 1, 2015

इस बार भी अलनीनो का खतरा: भारत भी आ सकता है चपेट में

जलवायु परिवर्तन का असर दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है। आस्ट्रेलिया के मौसम विभाग ने इस बार समय से पहले अल नीनो के दस्तक देने की भविष्यवाणी की है। मौसम विभाग के मुताबिक मध्य प्रशांत महासागर की सतह का तापमान बढ़ने के संकेत मिले हैं इससे अल नीनो का खतरा पचास फीसद तक बढ़ गया है। भारतीय मानसून पर भी इसका विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। विभाग के मुताबिक
इस साल के मध्य तक अल नीनो आस्ट्रेलिया की दहलीज पर होगा। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि आने वाले समय में देश के अल नीनो के प्रभाव में आने के आसार पचास फीसद तक हैं जो सामान्य से दोगुना है। इससे सर्दी कम पड़ेगी और बारिश कम होगी। साथ ही दक्षिण आस्ट्रेलिया में दिन का पारा भी बढ़ सकता है। ये परिस्थितियां गेहूं के उत्पादन के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं क्योंकि गेहूं की फसल बहुत हद तक सर्दियों में होने वाली बारिश पर निर्भर करती है। प्रतिकूल मौसम के कारण आस्ट्रेलिया में पिछले दो बार से गेहूं उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। अल नीनो की आशंका किसानों के लिए एक बुरी खबर है।
साभार: जागरण समाचार