शिक्षा विभाग हर रोज नए आदेश जारी कर रहा है। आदेश जारी करने के बाद विभाग
इस ओर ध्यान भी नहीं दे रहा है कि इनकी पालना हो रही है या नहीं। पत्र जारी
कर स्कूल मुखिया को इसका पालन करने के आदेश दे दिए जाते हैं। ऐसा ही आदेश
शिक्षा विभाग ने जारी किया है। अब स्कूलों में पकने वाला मिड डे मील अब गैस
सिलेंडर पर ही बनाना पड़ेगा। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी ने सभी स्कूल
मुखिया को यह आदेश जारी कर दिये हैं। शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी
प्राइमरी
व मिडिल स्कूलों में बच्चों के लिए हर रोज मिड डे मील बनाया जाता है।
ज्यादातर स्कूलों में बच्चों के लिए मिड डे मील चूल्हे पर बनाकर परोसा जाता
है। चूल्हे पर भोजन बनाने के कारण स्कूल में चारों तरफ धुंआ हो जाता है।
इससे बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। मिड डे मील बनाने के लिए
स्कूल मुखिया लकड़ी का प्रयोग करते हैं। महिला कुक को लकड़ियां जलाने में
काफी मशक्कत करनी पड़ती है। कई स्कूलों में रसोई कक्षाओं के साथ ही बनी हुई
है। रसोई कक्षाओं के साथ बनी होने के कारण लकड़ियों से निकलने वाला धुएं
से पर्यावरण भी दूषित होता है। इससे बच्चों का दम घुटने लगता है। इस समस्या
को देखते हुए शिक्षा विभाग के महानिदेशक ने जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को
जारी किए पत्र में बताया कि उन्होंने कई स्कूलों में निरीक्षण के दौरान
पाया कि स्कूलों में गैस कनेक्शन होने के बावजूद भी वह खाना पकाने के लिए
चूल्हे जैसे अन्य संसाधनों को प्रयोग कर रहे हैं जो कि नियमों के विरुद्ध
है। इसको देखते हुए जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिये है कि वह
अपने जिले के प्राइमरी व मिडिल स्कूल के बच्चों को मिड डे मील अन्य किसी
संसाधन की बजह सिर्फ गैस सिलेंडर पर ही बनाकर दें। जिला मौलिक शिक्षा
अधिकारी डॉ. यज्ञदत्त वर्मा ने बताया कि सभी स्कूल संचालकों को आदेश जारी
कर दिए गए है।
साभार: जागरण समाचार