Friday, August 11, 2017

जाट समेत 6 जाितयों के आर्थिक आधार पर आरक्षण पर लगी रोक

जाट समेत 6 जातियों (जाट, रोड, त्यागी, बिश्नोई, जट सिख, जाट मुल्ला) को आर्थिक आधार पर आरक्षण देने के फैसले पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। कोर्ट ने नोटिस जारी कर राज्य सरकार से जवाब
मांगा है। मामले पर अगली सुनवाई 14 सितंबर को होगी। जस्टिस महेश ग्रोवर और जस्टिस राज शेखर अत्री की खंडपीठ ने सोनीपत के विकास अन्य लोगों की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिए। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। याचिकाकर्ताओं ने सरकार के जून 2017 के प्रशासनिक आदेशों को चुनौती देते हुए कहा है कि सरकार ने 2013 में नोटिफिकेशन के माध्यम से सामान्य श्रेणी की जातियों को आर्थिक आधार पर आरक्षण का लाभ देने का फैसला लिया था। नोटिफिकेशन में स्पष्ट था कि जिस जाति को किसी और श्रेणी में आरक्षण मिला है, उसे इस श्रेणी में आरक्षण नहीं दिया जाएगा। याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर एडवोकेट वीके जिंदल एडवोकेट गोबिंद शर्मा ने कोर्ट में कहा कि 6 जातियों को एक्ट बनाकर आरक्षण दिया गया। आरक्षण पर हाईकोर्ट की रोक है, लेकिन एक्ट को खारिज नहीं किया गया है। ऐसे में एक्ट के रहते इन 6 जातियों को आर्थिक आधार पर आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता। इस पर कोर्ट ने राज्य सरकार के जून 2017 के प्रशासनिक आदेशों पर रोक लगा दी। 
2016 में सरकार ने किसी जाति या वर्ग के आर्थिक आधार पर पिछड़े लोगों को मिलने वाले आरक्षण को 7% से बढ़ाकर 10% किया है। इसके लिए परिवार की सालाना आय 2.5 लाख रु. से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। 
  • जून 2017 में नोटिफिकेशनजारी कर इन 6 जातियों को आर्थिक आधार पर आरक्षण का लाभ पाने वाली जातियों में शामिल किया गया। चूंकि इन 6 जातियाें को पिछड़ा वर्ग की नई कैटेगरी बीसी(सी) के तहत दिए गए आरक्षण का मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। ऐसे में सरकार ने इसका तोड़ निकालने के लिए ही यह फैसला किया था, लेकिन हाईकोर्ट ने अब इस पर भी रोक लगा दी है। 
  • 2014 में कांग्रेससरकार ने 5 जातियों (जाट, रोड, बिश्नोई, त्यागी, जट सिख) को विशेष पिछड़ा वर्ग में 10% और केंद्र की यूपीए सरकार ने पिछड़ा वर्ग में शामिल करके आरक्षण दिया था। सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट ने 2015 में इसे खारिज कर दिया था। 
  • 2016 में भाजपा सरकार ने 6 जातियों (जाट, रोड, बिश्नोई, त्यागी, जट सिख, जाट मुल्ला) को पिछड़ा वर्ग की नई कैटेगरी बीसी(सी) के तहत फर्स्ट/सेकंड क्लास की नौकरियों में 6% और थर्ड-फोर्थ क्लास की नौकरियों शिक्षण संस्थानों में 10% आरक्षण दिया। इस पर हाईकोर्ट ने स्टे लगा रखा है। 
अगली सुनवाई 14 सितंबर को: एचएसएससी के माध्यम से इस समय करीब 50 हजार पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया चल रही है। हाईकोर्ट के फैसले से इन 6 जातियों के आवेदकों पर असर पड़ सकता है। एचएसएससी के चेयरमैन भारत भूषण भारती के मुताबिक करीब 15 हजार पदों के लिए परीक्षाओं के रिजल्ट घोषित किए जा चुके हैं। 35 हजार पदों के लिए लिखित परीक्षाएं हो चुकी हैं। एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन का कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश की वजह से इन 6 जातियों से संबंधित आवेदकों को फिलहाल विशेष पिछड़ा वर्ग (एसबीसी) और आर्थिक पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) के तहत आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता। ऐसी स्थिति में इन जातियों के आवेदकों को जनरल कैटेगरी (सामान्य श्रेणी) में ही लाभ मिल सकता है। आयोग चाहे तो एसबीसी और ईबीसी के पदों का बैकलॉग रख सकता है। हाईकोर्ट का अंतिम फैसला आने तक इन अभ्यर्थियों का रिजल्ट भी रोका जा सकता है। 
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साभार: भास्कर समाचार 
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