Monday, November 14, 2016

भारत रत्न लता मंगेशकर पर राष्ट्रगान से छेड़छाड़ कर अनादर करने का आरोप

भारत रत्न लता मंगेशकर, उनकी बहन आशा भोंसले और संगीतकार एआर रहमान पर राष्ट्रगान के अनादर का आरोप लगा है। इनके खिलाफ शिकायत गृह मंत्रालय को भेजी गई थी। मंत्रालय ने इसे सुप्रीम कोर्ट को रेफर कर दिया। साथ ही कहा कि शिकायत के कानूनी पहलुओं की जांच के बाद कानून के अनुसार कार्रवाई की जाए। यह
पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट जल्द ही इस मामले में सुनवाई कर सकता है। शिकायतकर्ता सामाजिक कार्यकर्ता उल्हास पीआर ने बताया कि 13 अगस्त, 2016 को डीडी नेशनल पर सुबह 11 बजे राष्ट्रगान प्रसारित हुआ था। लता, आशा और रहमान सहित कई गायक इसमें राष्ट्र गान गा रहे थे। इन्होंने राष्ट्रगान तय समय से अधिक में गाया। साथ ही कुछ शब्दों का गलत उच्चारण भी किया। राष्ट्र गान के मूल स्वरूप में तो बदलाव किया जा सकता है और ही तय से कम या ज्यादा समय में गा सकते हैं। जाने या अनजाने में ऐसा करना राष्ट्रगान का अनादर है। उल्हास को गृह मंत्रालय ने 25 अक्टूबर को पत्र भेजकर बताया है कि उनकी शिकायत सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार को भेजी गई है। 
दोष साबित होने पर छह माह की सजा: एेसा अपराध साबित होने पर दोषी व्यक्ति को छह माह की कैद एवं जुर्माने की सजा देने का प्रावधान है। 
52 सेकेंड में गाया जाना चाहिए राष्ट्र गान: नियमानुसार राष्ट्र गान मूल स्वरूप में गाते वक्त 52 सेकेंड में पूरा करना चाहिए। 50 सेकेंड से कम या एक मिनट से अधिक समय अनादर माना जाएगा। मूल स्वरूप से छेड़छाड़ भी अपराध है। संविधान में राष्ट्र गान के छोटे चार लाइनों के स्‍वरूप का भी जिक्र है। इसे 15 सेंकेंड के अधिकतम समय में गाना जरूरी है। 
माफी मांगने पर बचाव भी है संभव: सुप्रीमकोर्ट के वकील सुमित वर्मा के अनुसार राष्‍ट्र गान गलत गाने का आरोपी अगर अपराध मानकर अदालत से माफी मांगता है तो कोर्ट उसे माफ कर सकता है। 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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