Thursday, November 3, 2016

सेरामिक इंजीनियरिंग: अच्छे करियर के लिए नया विकल्प

सेरामिक मटीरियल मेटल अौर नॉन मेटल के मिश्रण से बनता है। सेरामिक इंडस्ट्री के उत्पादों में छोटे बर्तन से लेकर सेमीकंडक्टर्स तक शामिल हैं। नैनोटेक्नोलॉजी आने के बाद से सेरामिक इंडस्ट्री के लिए नई संभावनाएं पैदा हुईं। इसकी मजबूती, ड्यूरेबिलिटी, कम कीमत और नॉन मेटालिक प्रॉपर्टी होने के कारण छोटी चीजों में
इसका उपयोग तेजी से बढ़ा। अधिकतर इलेक्ट्रॉनिक गुड्स, मेडिकल इक्विपमेंट और ऐसे ही कई उत्पाद बनाने में इसका उपयोग होता है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। यही कारण है कि सेरामिक इंजीनियरिंग में जॉब की संभावनाएं भी बढ़ रही हैं। सेरामिक इंजीनियरिंग या सेरामिक टेक्नोलॉजी मटीरियल इंजीनियरिंग एंड साइंस की एक ब्रांच है, जिसमें सेरामिक मटीरियल से बने उत्पादों के गुण, मैन्युफैक्चरिंग और डिजाइनिंग शामिल है। सेरामिक मटीरियल में थर्मल और इलेक्ट्रिक करेंट ट्रांसफर जैसे गुण नहीं होने के बावजूद धातु के कई गुण होते हैं। सेरामिक इंडस्ट्री मंे उपयोग होने वाले उत्पादों को चार भागों मंे बांटा जाता है- हाउसहोल्ड सेरामिक जिसमें क्राॅकरी जैसे उत्पाद शामिल हैं, स्ट्रक्चरल सेरामिक्स जिसमें ब्रिक्स, पाइप, फ्लोर और रूफ टाइल शामिल हैं, रिफ्रैक्टरी सेरामिक्स जिसमें ग्लास प्रोडक्ट इत्यादि शामिल हैं और हाई परफॉर्मेंस टेक्निकल सेरामिक्स जिसमंे डेंटल इक्विपमेंट और सेमीकंडक्टर इत्यादि शामिल हैं। 
मैथ्स, केमिस्ट्री और फिजिक्स के साथ 12वीं पास करने वाले छात्र सेरामिक इंजीनियरिंग के बैचलर कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। बीई या बीटेक कोर्स में प्रवेश जेईई मेंस के स्कोर के आधार पर मिलेगा। इसके बाद छात्र पोस्टग्रेजुएट स्तर पर एमई या एमटेक कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। अधिकतर संस्थानों में मास्टर कोर्स में प्रवेश के लिए गेट स्कोर जरूरी होता है। आगे की पढ़ाई के लिए छात्र पीएचडी कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। बैचलर डिग्री कोर्स के अलावा छात्र सेरामिक इंजीनियरिंग के डिप्लोमा कोर्स में भी प्रवेश ले सकते हैं। 
जॉब प्रॉस्पेक्ट: सेरामिक इंजीनियरिंग करने वाले छात्र मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्‌स में सेरामिक टेक्नोलॉजिस्ट, डिजाइनर, टेक्नीशियन और रिसर्च जॉब कर सकते हैं। सेरामिक टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में मैन्युफैक्चरिंग, रिसर्च लैब और एजुकेशनल इंस्टीट्यूट में जॉब की संभावनाएं हैं। इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, पब्लिक सेक्टर और फार्मा रिसर्च कंपनियों में बेहतर संभावनाएं हैं। 
कमाई: इस क्षेत्र में कॅरिअर की शरुआत करने वाले प्रोफेशनल को 12 से 17 हजार रुपए प्रति माह का सैलरी पैकेज मिल सकता है। कुछ वर्ष के अनुभव के बाद 40 से 45 हजार रुपए तक का सैलरी पैकेज मिलने की संभावना होती है। रिसर्च के क्षेत्र में सैलरी ज्यादा हो सकती है। 
प्रमुख संस्थान: 
  • आईआईटी-बीएचयू,वाराणसी http://iitbhu.ac.in/
  • एनआईटी, राउरकेला www.nitrkl.ac.in/ 
  • गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड सेरामिक टेक्नोलॉजी, कोलकाता www.gcect.ac.in/ 

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साभार: भास्कर समाचार 
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