साभार: जागरण समाचार
सेवारत कर्नल रण सिंह डूडी ने सुप्रीम कोर्ट मे याचिका दाखिल कर एससी एसटी कानून के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कानून मे किये गए ताजा संशोधनों को चुनौती दी है। याचिका में एससी एसटी संशोधन कानून को
असंवैधानिक घोषित करने की मांग की गई है। साथ ही एससी एसटी एक्ट के दुरुपयोग का उदाहरण देते हुए नोएडा में सेवानिवृत कर्नल प्रताप सिंह चौहान का मामला उठाया गया है। कोर्ट से कर्नल प्रताप सिंह चौहान के मामले की जांच सीबीआइ को सौंपने और चौहान को गैर कानूनी जेल में भेजे जाने पर पांच करोड़ रुपये मुआवजा दिये जाने की भी जनहित याचिका मे मांग की गई है।
सोमवार को कर्नल रण सिंह डूडी के वकील सुरेन्द्र कुमार गंगेले ने न्यायमूर्ति एके सीकरी की पीठ के समक्ष याचिका का जिक्र करते हुए मामले पर जल्द सुनवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि याचिका में कानून को चुनौती देने के अलावा कुछ और मांगे भी हैं। पीठ ने अनुरोध स्वीकार करते हुए मामले को मंगलवार को सुनवाई पर लगाने का आदेश दिया।
मालूम हो कि एससी एसटी एक्ट मे संशोधनों को पहले भी तीन याचिकाओं के जरिये सुप्रीम कोर्ट मे चुनौती दी गई है। वकील प्रिया शर्मा, प्रथ्वीराज चौहान और एक अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर कोर्ट ने केन्द्र सरकार को नोटिस जारी किया था जिसके जवाब मे सरकार ने कानून की तरफदारी करते हुए याचिकाओं का विरोध किया है। इन मुख्य याचिकाओं पर भी मंगलवार को सुनवाई होनी है।
मध्य प्रदेश में तैनात कर्नल रण सिंह की याचिका मे कहा गया है कि एसएसटी कानून का बहुत दुरुपयोग होता है और सुप्रीम कोर्ट ने अपने गत 20 मार्च के आदेश मे इन्ही सब पहलुओं का ध्यान रखते हुए व्यक्ति के जीवन और स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार को देखते हुए आदेश दिया था जिसमें एससी एसटी कानून के तहत तत्काल एफआइआर और तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगाई गई थी और मामला दर्ज करने से पहले शिकायत की सच्चाई पता लगाने के लिए प्रारंभिक जांच की बात कही गई थी। लेकिन इसके बाद कानून मे संशोधन कर दिया गया जिससे आदेश निष्प्रभावी हो गया।
याचिका में नोएडा में सेवानिवृत कर्नल चौहान पर एससी एसटी एक्ट में मामला दर्ज होने और उन्हें जेल भेजे जाने की घटना का जिक्र करते हुए आरोप लगाया गया है कि यह मामला एससी एसटी एक्ट के दुरुपयोग का है। कहा गया है कि सेवानिवृत सैन्य अधिकारियों के झूठे मामलों में गिरफ्तारी की घटनाओं से सेना का मनोबल गिरता है। याचिका में कर्नल चौहान के केस की जांच सीबीआइ को सौंपे जाने और उन्हे मुआवजा दिये जाने के अलावा उन्हें गिरफ्तार करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की मांग की गई है।