Wednesday, November 14, 2018

राफेल सौदे पर सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित

साभार: जागरण समाचार 
सुप्रीम कोर्ट ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे से जुड़े केस में फैसला सुरक्षित रख लिया है। इससे पहले सुनवाई के दौरान सीजेआइ द्वारा तलब करने पर वायुसेना के अधिकारी भी कोर्ट पहुंचे। एयर वाइस मार्शल चलपति कोर्ट
नंबर एक में मौजूद हैं और सीजेआई रंजन गोगोई के सवालों का जवाब देते हुए बताया कि आखिर राफेल की जरूरत क्यों है? केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि फ्रांस की सरकार ने 36 विमानों की कोई गारंटी नहीं दी है लेकिन प्रधानमंत्री ने लेटर ऑफ कम्फर्ट जरूर दिया है।
राफेल सौदे पर सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षितवायुसेना अधिकारी ने बताया, क्यों है राफेल की जरूरत: मुख्य न्यायाधीश ने एयर वाइस मार्शल चलपति से वायुसेना के बेड़े में शामिल नए विमानों के बारे में पूछा। उन्होंने जवाब दिया कि हाल में सुखोई-30 को शामिल किया गया है और 4 प्लस जनरेशन के विमानों की जरूरत है, इसलिए राफेल का चुनाव किया गया है।
ऑफसेट नियमों पर SC का सवाल: 
साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने 2015 के ऑफसेट नियमों के बारे में पूछा। रक्षा मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव ने ऑफसेट नियमों की जानकारी दी और कहा कि वर्तमान में मुख्य कॉन्ट्रैक्ट के साथ ही ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट भी होता है। सुप्रीम कोर्ट ने रक्षा मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव से पूछा कि 2015 में ऑफसेट नियमों में बदलाव क्यों किया गया। इसमें देशहित क्या है? अगर ऑफसेट पार्टनर प्रोडक्शन नहीं करते तो क्या किया जाएगा? वहीं, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि फ्रांस की सरकार ने 36 विमानों की कोई गारंटी नहीं दी है लेकिन प्रधानमंत्री ने लेटर ऑफ कम्फर्ट जरूर दिया है।
बता दें कि सुबह साढ़े 10 बजे से लगातार चल रही सुनवाई लंच के बाद 2 बजे फिर शुरू हुई। सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कोर्ट परिसर में वायुसेना के अधिकारियों की मौजूदगी न होने पर सवाल उठाए थे। गगोई ने एजी केके वेणुगोपाल से पूछा कि क्या कोर्ट में भारतीय वायुसेना का कोई अधिकारी मौजूद है जो मामले पर उठे सवालों के संदर्भ में जवाब दे सके? आखिरकार हम वायुसेना के मामले के बारे में बातचीत कर रहे हैं इसलिए हमें उनसे पूछना चाहिए। कोर्ट द्वारा तलब करने पर लंच के बाद एयर वाइस मार्शल कोर्ट रूम पहुंचे।