साभार: जागरण समाचार
अध्यादेश जारी कर राम मंदिर बनाने का रास्ता साफ करने के संघ परिवार की मांग के समर्थन में देश के साधु-संत धर्मादेश जारी करेंगे। शनिवार को तालकटोरा स्टेडियम में शुरू हुए तीन हजार साधु-संतों के सम्मेलन में
रविवार को धर्मादेश जारी किया जाएगा।
इसके साथ ही साधु-संतों ने प्रस्ताव पारित कर इलाहाबाद का नाम प्रयागराज करने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार को साधुवाद दिया। अखिल भारतीय संत समिति के अध्यक्ष जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी हंसदेवाचार्य ने कहा कि भारत सरकार सोमनाथ की तर्ज पर कानून बनाकर मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करे। शनिवार को अखिल भारतीय संत समिति के बैनर तले हो रहे सम्मेलन के पहले दिन 1984 के दंगे में मारे गए सिखों, अयोध्या गोली कांड में मारे गए रामभक्तों, 1967 में गोरक्षा आंदोलन में मारे गए संतों और सीमा पर शहीद होने वाले जवानों को श्रद्धांजलि दी गई। संतों के भाषण में राम मंदिर निर्माण का मुद्दा भी बीच-बीच में उठा।
राम जन्मभूमि न्यास के सदस्य रामविलास वेदांती ने दिसंबर में अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू होने के अपने पुराने दावे को फिर दोहराया और कहा कि लखनऊ में मस्जिद का निर्माण होगा। मस्जिद के निर्माण की वेदांती की बात पर कुछ संतों ने आपत्ति जताई। स्वामी हंसदेवाचार्य ने कहा कि हमारा काम मस्जिद बनाने का नहीं है। लेकिन विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने साफ किया कि वेदांती के प्रस्ताव पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।
- राम मंदिर मुद्दे को अब अनंतकाल तक न्यायालय के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता है। आज जन-जन की एक ही आकांक्षा है कि जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का जल्द-से-जल्द निर्माण हो। - स्वामी हंसदेवाचार्य, अखिल भारतीय संत समिति के अध्यक्ष
- श्रीराम मंदिर बनता है तो स्वाभाविक है, सभी को खुशी होगी। इसे लेकर मोदी सरकार गंभीर भी है। - राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृहमंत्री
- अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कराया जाएगा। मंदिर निर्माण के रास्ते में आने वाली अड़चन दूर की जाएगी। यह आस्था व भावना से जुड़ा हुआ मामला है। - उमा भारती, केंद्रीय मंत्री