Saturday, May 13, 2017

चीफ जस्टिस ने पूछा- खुदा की नजर में तीन तलाक पाप है तो पर्सनल लॉ में यह वैध कैसे?

तीन तलाक पर शुक्रवार को दूसरे दिन भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी रही। चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने पूछा, 'जो काम खुदा की नजर में पाप है, क्या उसे कानूनी तौर पर वैध मान सकते हैं? दरअसल, इस मुद्दे पर कोर्ट को
राय दे रहे सीनियर एडवोकेट सलमान खुर्शीद ने कहा था कि एक साथ तीन तलाक कहना खुदा की नजर में पाप है, लेकिन पर्सनल लॉ में वैध है। शाहबानो प्रकरण में राजीव गांधी सरकार से इस्तीफा दे चुके आरिफ मोहम्मद खान मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से पेश हुए। उन्होंने कहा कि तीन तलाक अमानवीय है। कोई भी अमानवीय कानून इस्लामिक नहीं हो सकता है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। 
  • सलमान खुर्शीद: एक साथ तीन तलाक कहना खुदा की नजर में पाप है। मुस्लिम पर्सनल लॉ में वैध है। 3 महीने की असल व्यवस्था में पत्नी के रवैये सहित कई बातें देखते हैं। दूसरे समुदाय मुस्लिम महिलाओं को बहका रहे हैं। 
  • चीफ जस्टिस जेएस खेहर: खुदा की नजर में तीन तलाक पाप होते हुए भी वैध है? क्या ऐसा हो सकता है? क्या यह मौत की सजा जैसा है, जो कई देशों में गलत होते हुए भी वैध है? 
  • जस्टिस कूरियन जोसेफ: जोकाम धर्म के मुताबिक घिनौना है क्या वह कानून के तहत वैध हो सकता है? जो चीज पाप है क्या उसे शरीयत में ले सकते हैं? जो गलत है, वह कभी भी कानून नहीं हो सकता। यह शरीयत का हिस्सा भी नहीं है। कोर्ट कोई और कानून बनाने के बजाय इस्लाम में बताए बेहतर तरीके को ही रखे। एकसाथ कहे तीन तलाक को एक ही मानें तो 90% दिक्कतें मिट जाएंगी। निकाहनामे में मेहर जैसी कई शर्तें होती हैं। इनसे तलाक मुश्किल हो जाता है। 
  • जस्टिस कूरियन जोसेफ: क्या निकाहनामे में यह लिखवाया जाए कि 3 तलाक नहीं होगा? 
  • जस्टिस आरएफ नरीमन: इस्लाममें शादी खत्म करने के लिए तीन तलाक सबसे बुरा अवांछनीय तरीका है। इसके बावजूद इस्लाम की विभिन्न विचारधाराओं में इसे वैध माना है। 
  • (खुर्शीद ने कहा- मेरी दलीलें पूरी हो गईं।) 
  • फिर आरएसएस से जुड़ी संस्था फोरम फॉर अवेयरनेस ऑन नेशनल सिक्योरिटी की ओर से राम जेठमलानी ने दलीलें रखीं। 
  • तीन तलाक महिलाओं को तलाक में बराबरी का हक नहीं देता। उनके साथ लिंंगभेद का रवैया अपनाता है। ऐेसे में यह प्रथा संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 का उल्लंघन है। 
  • पैगंबर मोहम्मद साहब तो खुद बहुत बड़े समाज सुधारक थे। लेकिन तीन तलाक की प्रथा कुरान शरीफ के साथ-साथ पैगंबर मोहम्मद के दिखाए रास्ते के खिलाफ है। 
  • कितनी भी दलीलें देकर कोई भी इस पाप से भरी घिनौनी प्रथा का बचाव नहीं कर सकता है।

Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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