नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी)की तर्ज पर पुलिस कैडेट्स कोर (पीसीसी) बनाने की योजना है। स्कूल-कॉलेज में इसी वर्ष से प्रशिक्षण शुरू कर दिया जाएगा। जो पुलिस अधिकारी प्रशिक्षित करेंगे। उन्हें द्रोणाचार्य कहा जाएगा। वहीं, विद्यार्थियों को अर्जुन अभिमन्यु। सिरसा के एसपी सतेंद्र कुमार ने बताया कि पीसीसी में 12वीं तक के
छात्रों को कनिष्ठ वर्ग में दो वर्ष कॉलेज स्तर के वरिष्ठ वर्ग को तीन वर्ष का प्रशिक्षण दिया जाएगा। पुलिस की तरफ से टोपी पीसीसी का बैज दिया जाएगा। वहीं स्पेशल गान भी चयनित किया गया है। जिसके बोल, जयति जयति हरि के ग्राम, सार्थ की पाठशाला गीता के धाम… होगा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। झंडे पर कुरुक्षेत्र के मैदान वाला कृष्ण-अर्जुन के रथ का चित्र बना होगा। पीपीसी के सदस्यों को पुलिस भर्ती, ड्राइविंग लाइसेंस, शस्त्र लाइसेंस, होम गार्ड्स, सिक्योरिटी एजेंसी, बेरोजगारी भत्ता, पासपोर्ट, चरित्र सत्यापन, रोजगार लोन, सेना भर्ती में प्राथमिकता मिलेगी।
छात्राओं को महिला थाने की अधिकारी देंगी प्रशिक्षण: डीजीपी डॉ. केपी सिंह के आदेश के मुताबिक प्रत्येक थाना स्तर पर कनिष्ठ पुरुष वर्ग में 75 से 150 सदस्य प्रशिक्षण लेंगे। वरिष्ठ वर्ग में भी सदस्यों की संख्या इतनी ही रहेगी। वहीं छात्राओं को महिला थाना स्तर पर कनिष्ठ वर्ग में 50 और वरिष्ठ वर्ग में 50 की संख्या होगी। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद कनिष्ठ वर्ग को श्रेणी का प्रमाण पत्र मिलेगा। वहीं वरिष्ठ वर्ग को बी श्रेणी का प्रमाण पत्र आईजी की ओर से दिया जाएगा। पीसीसी का मुख्यालय पंचकूला में बनाया गया है। इसके सर्वोच्च कमांडर डीजीपी स्वयं होंगे, जिले में एसपी के अधीन यह कार्य करेगी।
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साभार: भास्कर समाचार
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