हरियाणा में आठवीं कक्षा में बोर्ड की परीक्षाएं आयोजित करने का फैसला अब अगले वर्ष तक टल गया है। ऐसे में प्रदेश के लाखों छात्रों को इस बार भी बोर्ड परीक्षा में बैठने से राहत मिल गई। हालांकि शिक्षा के स्तर को सुधारने की कवायद को झटका भी लगा है। सूत्र बताते हैं कि हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के उच्चाधिकारियों
की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में आठवीं कक्षा की परीक्षा शिक्षा बोर्ड के माध्यम से करवाने को लेकर चर्चा की गई। तय हुआ है कि इस बार की बजाए अगले सत्र से आठवीं कक्षा में बोर्ड की परीक्षाएं शुरू की जाएं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। इसके साथ ही परीक्षा कक्ष में 30 की बजाए केवल 24 छात्र ही बैठाने का महत्वपूर्ण फैसला भी हुआ है। इधर, बीपीएल परिवारों के छात्रों को बोर्ड ने बड़ी राहत दी है। अब वे उत्तर पुस्तिकाओं की दोबारा जांच के लिए आवेदन करेंगे तो उन्हें एक हजार रुपये की बजाए 800 रुपये ही फीस देनी होगी। डीएड में सेमेस्टर सिस्टम को समाप्त कर वार्षिक प्रणाली लागू करने के महत्वपूर्ण फैसले पर भी अभी मुहर लगनी शेष है। गौरतलब है कि आरटीई के तहत अभी तक आठवीं कक्षा तक बच्चों को फेल न करने का प्रावधान है लेकिन शिक्षा जगत इस फैसले की आलोचना कर रहा है। लोगों का मानना है कि इसी के चलते प्रदेश में एक बार फिर से आठवीं कक्षा में बोर्ड शुरू करने के लिए प्रयास पिछले एक वर्ष से चल रहे हैं।
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साभार: जागरण समाचार
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