Wednesday, June 1, 2016

जाट आंदोलन पर प्रकाश आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक: जानिए कितना नुकसान, किसकी वजह से

हरियाणा की भाजपा सरकार ने विपक्ष के भारी दबाव के चलते पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह के नेतृत्व वाली जांच कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी है। 417 पेज की इस रिपोर्ट के सार्वजनिक होते ही जाट आरक्षण आंदोलन में सरकारी सिस्टम के ध्वस्त होने की सच्चाई सामने आ गई। प्रकाश कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में न तो सरकार को
बख्शा और न ही अधिकारियों पर रहम किया। कमेटी ने कहा कि दंगों के दौरान पूरे सरकारी सिस्टम को लकवा मार गया था। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। प्रकाश कमेटी ने यहां तक कह दिया कि जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान जितना नुकसान हुआ, इतना तो कभी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद भी नहीं करते। प्रकाश कमेटी की यह रिपोर्ट सरकार के कामकाज पर उंगली उठाने के लिए काफी है। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में भाजपा सांसद राजकुमार सैनी पर तलख टिप्पणियां करते हुए कहा कि उनकी वजह से भी आंदोलन भड़का है। प्रकाश सिंह के नेतृत्व वाली तीन सदस्यीय कमेटी ने फरवरी माह में हुई जातीय ¨हसा, आगजनी और लूटपाट की जांच कर 13 मई को सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी, लेकिन इस रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया जा रहा था। रिपोर्ट में हर जिले के हालात का सिलसिलेवार ब्योरा देते हुए अधिकारियों की कार्य प्रणाली का खाका खींचा गया है। कमेटी ने 57 पुलिस, 23 प्रशासनिक और 10 फायर अधिकारियों के कामकाज पर अंगुली उठाते हुए उनके विरुद्ध तीखी टिप्पणियां की हैं। रिपोर्ट में कहा कि मुख्य पर तैनात अधिकारी दो हिस्सों में बंटे हुए थे।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु:
  • लश्कर-ए-तैयबा व जैश-ए-मोहम्मद की कार्रवाई से की दंगों की तुलना
  • कहा दंगों के दौरान लकवा मार गया था सरकारी सिस्टम को
  • न सरकार को बख्शा और न ही अधिकारियों पर दिखाया रहम
  • सांसद राजकुमार सैनी की तल्ख टिप्पणियों ने किया आग में घी डालने का काम
  • गृह सचिव पीके दास और डीजीपी यशपाल सिंघल ने नहीं निभाई अपनी जिम्मेदारी
  • जातीय दंगों के दौरान 30 लोगों की जानें गई, जिनमें 20 दंगाई थे
  • 10 निर्दोष लोगों में नौ को सरकार मुआवजा दे चुकी है
  • 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का नुकसान हुआ
  • 1196 दुकानें जलाई गई, 371 वाहन फूंके गए
  • 30 स्कूल व कालेज जलाए गए, 75 घरों को आग लगाई
  • 53 होटल व रेस्टोरेंट जलाए, 29 पुलिस स्टेशन फूंके गए
  • 7232 पेड़ भी काट डाले
  • दंगों में घायल हुए थे 123 लोग, जिनमें 15 आम आदमी और 53 पुलिस जवान।
  • आर्मी के 4 और सेंट्रल पुलिस फोर्स के 11 लोग जख्मी हुए हैं।
  • चार के कत्ल व 205 चोरियां भी हुईं।

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साभारजागरण समाचार 
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