Thursday, June 4, 2015

AIPMT के परिणाम पर सुप्रीम कोर्ट की रोक

अब पांच जून को नहीं घोषित होंगे आल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट (एआइपीएमटी) के नतीजे। सुप्रीमकोर्ट ने एआइपीएमटी का रिजल्ट घोषित करने पर फिलहाल रोक लगा दी है। कोर्ट ने 10 जून तक रिजल्ट घोषित करने पर रोक लगाते हुए हरियाणा पुलिस से कहा है कि वह पर्चा लीक मामले की जांच एक सप्ताह में पूरी करे। मामले में 11 जून को फिर सुनवाई होगी। न्यायमूर्ति पीसी पंत व न्यायमूर्ति अमिताव राय की पीठ ने बुधवार को ये
निर्देश एआइपीएमटी परीक्षा रद कर दोबारा परीक्षा कराए जाने की मांग पर सुनवाई के दौरान दिए। 13 मई को देश के विभिन्न परीक्षा केंद्रों में मेडिकल के ग्रेजुएट कोर्स में प्रवेश के लिए एआइपीएमटी परीक्षा हुई थी, जिसमें करीब साढ़े छह लाख विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया था। हरियाणा के रोहतक में पुलिस ने कुछ लोगों को परीक्षा प्रश्नपत्रों की उत्तर पुस्तिका (आन्सरशीट) के साथ गिरफ्तार किया था। इसके बाद कुछ छात्रों ने सुप्रीमकोर्ट में याचिका दाखिल कर पूरी परीक्षा निरस्त करने की मांग की है। सुनवाई के दौरान पीठ ने हरियाणा पुलिस की जांच रिपोर्ट देखकर कहा कि रिपोर्ट में कुछ ऐसी बातें हैं जो नहीं होनी चाहिए। पीठ ने कहा कि वह देखेगी कि इस मामले में आगे क्या किया जाए। उधर सीबीएससी की ओर से पेश वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि 5 जून को परीक्षा का रिजल्ट घोषित किया जाएगा। सिंह ने कहा कि अगर कोर्ट दोबारा परीक्षा कराने का आदेश देती है तो उसमें 4-5 महीने का समय लग जाएगा। उत्तर पुस्तिका लीक होने की घटना सुबह 10 बजे के बाद की है पर्चा खुलने के बाद उसकी फोटो खींचकर भेजे गए जो कि लाभार्थियों को 12.30 के बाद मिले। 1इसका मतलब है कि फायदा सिर्फ उन्हीं लोगों को मिला होगा जिन्होंने एडवांस में पैसा दिया होगा। हरियाणा पुलिस ने जांच की जानकारी देते हुए कोर्ट को बताया कि बहुत जगह से मदद नहीं मिली लेकिन कुशीनगर से पुलिस को एक सुराग मिला है। जिसमें रंधू कुशवाहा से विजय यादव का पता चला जो एमबीबीएस कर रहा है। विजय ने दो अन्य लोगों विनोद और स्नेहा को पेपर दिया था। ये दोनों भी एमबीबीएस कर रहे हैं। पुलिस ने कहा कि ये पूरा मामला तो पेन्डोरा बाक्स है जो बढ़ता जा रहा है। इसकी जांच में बहुत मुश्किल हो रही है। कोर्ट ने पुलिस से एक सप्ताह में जांच पूरी कर प्रगति रिपोर्ट देने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि वे अगली प्रगति रिपोर्ट देखने के बाद ही परीक्षा निरस्त करने के बारे में कोई फैसला लेंगे। दूसरी तरफ छात्रों के वकील प्रशांत भूषण ने परीक्षा रद कर दोबारा कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि बहुत लोगों को पर्चा मिला था। वास्तविक लाभार्थियों का पता चलना मुश्किल है। आल इंडिया कोटे की 1000 सीटें होती हैं और ये सीटें लाभार्थियों को ही मिल जाएंगी। उधर केटीएस तुलसी ने जांच सीबीआइ को सौंपने की मांग की।
साभार: जागरण समाचार
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE . Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.