प्रदेश सरकार और गेस्ट टीचर्स के बीच एक बार फिर टकराव बढ़ गया है। मेवात
कैडर के गेस्ट को हटाने से खफा अतिथि अध्यापक अब आर-पार की लड़ाई के मूड
में हैं। 15 जून को सरकार के साथ तय हुई वार्ता पर भी संकट के बादल मंडरा
रहे हैं। सरकार ने अभी तक बैठक का आधिकारिक न्योता गेस्ट टीचर्स को नहीं
भेजा है। सरकार की ओर से बुलावा आने पर ही गेस्ट वार्ता के लिए चंडीगढ़
आएंगे। गेस्ट ने सरकार की वादाखिलाफी को देखते
हुए अपनी तरफ से अब कोई पहल न
करने का निर्णय लिया है। मेवात कैडर के साथियों की नौकरी जाने से अतिथि
अध्यापक संघ के तेवर कड़े हैं। गेस्ट की रणनीति अब दोबारा से आंदोलन की राह
पर चलकर सरकार की मुश्किलें बढ़ाने की है। सेकेंडरी शिक्षा महानिदेशक के
साथ तीन दौर की वार्ता के बाद तीन प्रमुख मुद्दों पर बनी सहमति पर भी अब तक
कोई अमल न होने से शिक्षक गुस्साए हुए हैं। सरकार के साथ हुई समझौता
वार्ता के बाद गेस्ट ने 15 जून तक अपना आंदोलन स्थगित कर दिया था, लेकिन इस
अवधि में कोई सकारात्मक पहल न होने के कारण दोबारा से उन्होंने आंदोलन का
निर्णय ले लिया है। हरियाणा सर्व कर्मचारी संघ और महासंघ व राजकीय अध्यापक
संघ के समर्थन के बाद गेस्ट के हौसले बुलंद हैं। गेस्ट टीचर्स संघ के
प्रदेश संयोजक राजेंद्र शास्त्री व प्रवक्ता धर्मबीर कौशिक का कहना है कि
सरकार उनके साथ छल कर रही है। महानिदेशक एमएल कौशिक के साथ बातचीत में 3050
शिक्षकों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने, वर्कलोड न होने पर हटाए गए गेस्ट की
सेवाएं दोबारा शुरू करने और मृतक गेस्ट टीचर्स को मुआवजा देने की प्रक्रिया
शुरू करने पर सहमति बनी थी। लेकिन इनमें से एक भी मांग पर कार्रवाई की
प्रक्रिया तक शुरू नहीं हुई। उन्होंने कहा कि 15 जून की बैठक का न्योता आने
पर ही वार्ता में शामिल होने का निर्णय लिया जाएगा।
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साभार: जागरण समाचार
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