Sunday, November 13, 2016

एक और समस्या: पुलिस मालखानों में लूट, डकैती और रिश्वत के नोट; अफसर 'क्या करें' की दुविधा में

पुलिस मालखानों में चोरी, लूट, सट्टा अन्य मामलों में बरामद हुए करोड़ों रुपयों को लेकर पुलिस अफसरों के साथ-साथ मामलों से संबंधित लोग असमंजस में हैं। इन नोटों को बदलवाने की कोई गाइडलाइन जारी नहीं हुई
है। कोर्ट में सबूत के तौर इन्हें दिखाने के लिए रखेंगे तो 31 मार्च के बाद ये महज कागज के टुकड़े रह जाएंगे। सरकार के दिशा निर्देश के इंतजार के बाद ही इस पर कोई फैसला हो सकेगा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जब तक केस का निपटारा नहीं हो जाता, तब तक बरामद हुए रुपए पुलिस कस्टडी में रहते हैं और बाद में भी कोर्ट के आदेश के बाद ही मालिक को दिए जाते हैं। 
इस मुद्दे पर दैनिक भास्कर ने 5 सीनियर आईपीएस, 10 डीएसपी, इंस्पेक्टरों और वकीलों से बातचीत की तो कुछ महत्वपूर्ण बातें सामने आए। इन्होंने बताया कि पुलिस दो तरीके से नोटों को जब्त करती है। पहला- हवाला, लावारिस, कोई व्यक्ति जो अपनी भारी राशि का संतोषजनक हिसाब नहीं दे पाए, सरकारी कर्मचारी के पास आय से अधिक संपत्ति। दूसरा- लूट, चोरी, डकैती आदि केस में आरोपियों से बरामद की गई रकम। इन दोनों का निपटारा सीआरपीसी की धारा 451, 457 के तहत ज्युडिशियल मजिस्ट्रेट करते हैं। 
ज्युडिशियल मजिस्ट्रेट, संबंधित व्यक्ति के आवेदन पर राहत दे सकते हैं या फिर सरकार को इसके लिए नई गाइडलाइन बनानी होगी। या तो मालखानों में जब्त रुपए 31 मार्च के बाद भी लिए जाएं या फिर अभी इनके बदलने का प्रावधान किया जाए। इससे मालखानों में जमा करोड़ों रुपयों का उपयोग हो सके। एक्सपर्ट बोले कि, कोर्ट 31 मार्च के बाद भी मालखानों में रखे जब्त रुपयों को बदलने के लिए सरकार को आदेश दे सकती हैं। 
जैसी सरकार की गाइडलाइन आएगी, वैसा काम करेंगे: पुलिस मालखानों में रखी जब्त करंसी लीगल है। इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। सरकार की जो भी गाइडलाइन आएगी, उसके अनुसार पुलिस अपना काम करेगी। - नवदीपसिंह, आईजी, रोहतक रेंज 
जिन रुपए का कोई मालिक नहीं, उनका क्या: अफीम,गांजा, जुआ-सट्टा आदि के साथ जो रकम पुलिस ने जब्त की है, उसका मालिकाना हक सरकार का है। ऐसे केस में पुलिस कोर्ट में पैरवी करे। जिससे सरकार के राजस्व को फायदा हो सके। 
भ्रष्टाचार में अधिकारी पकड़ा, नोट सबूत हैं, ऐसे में क्या करें: मान लें कि आपने किसी अधिकारी को ट्रेप करवाया है और अधिकारी से विजिलेंस टीम ने 1 लाख रुपए बरामद किए हैं। यह रकम बतौर सबूत के तौर पर जब्त रहती है। ऐसे में पीड़ित व्यक्ति संबंधित कोर्ट में आवेदन करें। जिस पर जज आरोपी अधिकारी से जब्त रकम की फोटोग्राफी या वीडियोग्राफी करवाकर नोटों को बदलने के आदेश दे सकते हैं। 
मेरे साथ लूट, डकैती, चोरी हुई, मालखाने से कैसे रुपए निकालें: अब समझ लीजिए कि किसी के साथ लूट, डकैती, चोरी हुई। आरोपी पकड़े गए और उनसे रकम भी बरामद हो गई। ऐसे में पुलिस मालखाना में रखे जब्त रूपयों में एक-एक नोट का नंबर कोर्ट में पेश करती है। केस की सुनवाई के दौरान कोर्ट जब भी चाहे रुपए की मांग कर सकता है। इसलिए केस का निपटारा होने के बाद ही मालिक को रुपए मिल पाते हैं। नोट बंद होने की स्थिति में पीड़ित व्यक्ति संबंधित कोर्ट में आवेदन करे कि उसकी रकम नष्ट हो रही है। नोट बदलवाए जाएं। ऐसे में जज फोटोग्राफी या वीडियोग्राफी करवाकर नोटों को बदलने का आदेश दे सकते हैं। यह भी कह सकते हैं कि बदली गई करंसी के स्थान पर नई करंसी जब्त की जाए। 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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