Friday, April 17, 2015

जानिए कितना पर्सनल लोन किस दर पर मिल सकता है

जब आपको नकदी की जरूरत होती है और आपको कोई अन्य रास्ता नहीं सूझता, तो आप कर्ज लेने के बारे में सोचते हैं। जब आप बैंक के पास कर्ज लेने के लिए जाते हैं, तो बैंक सबसे पहले आपको जो लोन ऑफर करते हैं, वह है पर्सनल लोन। पर्सनल लोन मिलना जितना ही आसान है, उसकी ब्याज दरें उतनी ही परेशान करने वाली होती हैं। आप घर बैठे-बैठे भी जान सकते हैं आपको कितना लोन मिल सकता है और
उसकी ईएमआई कितनी होनी चाहिए। आइए जानते हैं कि कैसे मिलता है पर्सनल लोन। Post published at www.nareshjangra.blogspot.com कितनी होगी इसकी ईएमआई:

कंपनी की कैटेगरी पर तय होगा आपका लोन:  बैंकों के सर्कुलर में कंपनी की कैटेगरी को बांटा गया है। आप जिस कंपनी में काम करते हैं वो किस कैटेगरी में है इसके मुताबिक ही आपको पर्सनल लोन मिलेगा। मसलन आपकी कंपनी यदि 'ए' कैटेगरी की है तो बैंक महीने में क्रेडिट होने वाली सैलेरी के आधार पर आपको लोन देगा। 
कितना लगेगा इंट्रस्ट: यदि आपको 1 लाख का लोन चाहिए तो आपका इंट्रस्ट 13.5 फीसदी की दर से लगेगा। पर्सनल लोन 5 साल से अधिक नहीं मिलता। इसमें रेट ऑफ इंट्रस्ट भी 14 फीसदी से लेकर 22 फीसदी तक का लगता है।
पर्सनल लोन के फायदे: पर्सनल लोन मिलना आसान है। इसके लिए आपको कोई खास दस्तावेज देने की जरूरत नहीं पड़ती। यह प्रक्रिया एक से दो दिनों में पूरी हो जाती है। इसके लिए बैंक को किसी भी तरह के कोलेटरल की जरूरत नहीं पड़ती। यानि आपको पर्सनल लोन लेने के लिए कोई सामान गिरवी रखने की आवश्यकता नहीं होती। पर्सनल लोन किसी भी काम के लिए लिया जा सकता है। पर्सनल लोन के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति से बैंक यह नहीं पूछता कि आप इसका इस्तेमाल किस काम के लिए करने जा रहे हैं। 
क्या हैं पर्सनल लोन लेने के नुकसान: पर्सनल लोन पर आपसे वसूला जाने वाला ब्याज काफी अधिक होता है। सबसे अधिक ब्याज वसूलने वाले विकल्पों की बात करें तो क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल से निकाली गई नकदी पर लगने वाले ब्याज के बाद दूसरे नंबर पर पर्सनल लोन पर वसूला जाने वाला ब्याज ही आता है।
इनका प्रीपेमेंट काफी महंगा पड़ता है क्योंकि शुरुआत की किस्तें केवल ब्याज की अदायगी के लिए जाती हैं। इसके अलावा कुछ बैंक प्रीपेमेंट की अनुमति भी नहीं देते। पर्सनल लोन के एग्रिमेंट में कई शर्तें होती हैं, जो कर्ज लेने वाले को बाद में समझ में आती हैं।​ 
क्या है समाधान: 
अगर आपको नकदी की वाकई जरूरत है, तभी पर्सनल लोन लेने के बारे में सोचें। छुट्टियां मनाने या विलासिता का सामान खरीदने के लिए पर्सनल लोन लेना बेवकूफी है।
नकदी की जरूरत है, तो अपने किसी परिचित से उधार मांग लें और उसे बाद में चुका दें। लेकिन अगर ऐसा संभव नहीं है, तभी पर्सनल लोन के बारे में विचार करें।
अगर आपके पास शेयर, सोना, बीमा योजना, प्रॉपर्टी आदि गिरवी रखने के लिए है, तो पर्सनल लोन न लें। इनमें से ही किसी को गिरवी रख कर लोन ले लें। यह विकल्प आपको सस्ता पड़ेगा।
पर्सनल लोन के एग्रिमेंट में दी गई शर्तों को ध्यान से पढ़ लें, उसके बाद ही इसे लेने या न लेने के बारे में कोई फैसला लें।
पर्सनल लोन लेते समय अपनी आमदनी, अपने खर्च और हर महीने की अपनी देनदारियों के बारे में जरूर विचार कर लें।
साभार: भास्कर समाचार
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