Wednesday, July 9, 2014

अरबी: सब्जी के साथ साथ औषधि भी

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भारत के अधिकांश भागों में अरबी की खेती की जाती है। अरबी का वानस्पतिक नाम कोलोकेसिया एस्कुलेंटा है। अरबी के पत्तों से बनी सब्जी बहुत स्वादिष्ट होती है। अरबी के कोमल पत्तों को भी सब्जी के रूप में खाया जाता है। अरबी का कभी भी कच्चा सेवन नहीं करना चाहिए। इसकी पत्तियों और कंदों को भली-भांति उबालकर ही उपयोग में लाना चाहिए। अरबी एक सब्जी के रूप इन ही नहीं औषधि के रूप में भी कई जगह कारगर है। आइए जानें कैसे?
  • अरबी की पत्तियों के डंठल को तोड़कर अलग कर लें। पत्तियों को जलाकर राख को नारियल तेल में मिलाकर फोड़े- फुंसियों पर लगाने से लाभ होता है। 
  • इसके पत्तों में बेसन लगाकर भजिए बनाकर खाएं। ये भजिए जोड़ों के दर्द में कारगर दवा का काम करते हैं।
  • अरबी के पत्ते डंठल के साथ लेकर पानी में उबाल लें। इस पानी में थोड़ा घी मिलाकर 3 दिनों में दो बार लें। गैस की समस्या में फायदा होगा।
  • अरबी के पत्तों का रस 3 दिन तक पीने से पेशाब की जलन मिट जाती है।
  • अरबी की सब्जी खाने से प्रसूता स्त्रियों के स्तनों में दूध बढ़ता है।
  • अरबी के पत्तों की सब्जी बनाकर खाने से एसिडिटी दूर होती है।
  • सूखी खांसी की समस्या हो तो नियमित रूप से अरबी की सब्जी खाएं। कफ पतला होकर बाहर निकल जाएगा।
  • जले हुए स्थान पर अरबी पीसकर लगाने से छाले नहीं पड़ते और जलन भी खत्म हो जाती है।
  • कोई कीड़ा काट ले तो उस स्थान पर अरबी का रस लगाएं, दर्द से राहत मिलेगी।
  • अरबी का कंद शक्ति और वीर्यवर्धक होता है। इसकी पत्तियां शरीर को मजबूत बनाती हैं। अच्छी तरह से उबले कंदों में नमक मिलाकर खाने से नपुंसकता दूर होती है।
  • दिल से संबंधित रोग होने पर अरबी की सब्जी रोजाना खाने से लाभ होता है। 
  • अरबी को पीसकर कुछ दिनों तक नियमित रूप से सिर पर लगाने से बाल गिरने की समस्या से छुटकारा मिल जाता है।
साभार: आचार्य बाल कृष्ण जी महाराज 
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