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आधासीसी
या माइग्रेन का दर्द अति कष्टकारी होता है। इसमें सिर के आधे भाग में दर्द
होता है। माइग्रेन में रोगी की आँखों के सामने अँधेरा सा छा जाता है सुबह
उठते ही चक्कर आने लगते हैं। जी मिचलाना, उल्टी होना, अरुचि पैदा होना आदि
आधासीसी रोग के लक्षण हैं। मानसिक व शारीरिक थकावट, चिंता करना, अधिक
गुस्सा करना, आँखों का अधिक थक जाना, अत्यधिक भावुक होना तथा भोजन का ठीक तरह
से न पचना आदि माइग्रेन रोग के कुछ कारण हैं। आज हम आपको माइग्रेन के लिए कुछ आयुर्वेदिक औषधियों के विषय में बताने जा रहे हैं:
- एक चौथाई चम्मच तुलसी के पत्तों के चूर्ण को सुबह - शाम शहद के साथ चाटने से आधासीसी के दर्द में आराम मिलता है।
- दस ग्राम सौंठ के चूर्ण को लगभग साठ ग्राम गुड़ में मिलाकर छोटी-छोटी गोलियां बना लें | इन्हे सुबह शाम खाने से आधासीसी का दर्द दूर हो जाता है।
- सिर के जिस हिस्से में दर्द हो उस तरफ के नथुने में 4-5 बूँद सरसों का तेल डालने से आधे सिर का दर्द ठीक हो जाता है।
- सुबह खाली पेट आधा सेब प्रतिदिन सेवन करने से माइग्रेन में बहुत लाभ होता है।
- सौंफ,धनिया और मिश्री सबको 5-5 ग्राम की मात्रा में लेकर पीस लें। इसे दिन में तीन बार लगभग 3-3 ग्राम की मात्रा में पानी के साथ लेने से आधासीसी का दर्द दूर हो जाता है।
- नियमित रूप से सातों प्राणायाम का अभ्यास करें, लाभ होगा।
- माइग्रेन से पीड़ित रोगी को स्टार्च,प्रोटीन और अधिक चिकनाई युक्त भोजन नहीं करना चाहिए। फल,सब्जियां और अंकुरित दालों का सेवन लाभकारी होता है।
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साभार: आचार्य बाल कृष्ण जी महाराज
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