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सूखे मेवे खाना शरीर और स्वास्थ्य दोनों के लिए फायदेमंद होता है।
ड्राय फ्रूट्स में प्रोटीन, फाइबर, फॉलिक एसिड, विटामिन ई, विटामिन बी-6 और
खनिज पदार्थ की भरपूर मात्रा होती है। भारतीय परिवारों में जाड़ों की
शुरुआत होते ही हर घर में ड्राय फ्रूट्स आ जाता है। कई घरों में तो
गर्मियों में भी सूखे मेवे खाएं जाते हैं, हालांकि गर्म होने की वजह से इस
मौसम में ये शरीर को थोड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं। आपने अक्सर देखा होगा कि सर्दियों में सुबह स्कूल जाते वक्त मां बच्चे की
जेब को सूखे मेवों से भर देती है। सूखे मेवों के सेवन से दिनभर शरीर में
ऊर्जा बनी रहती है और कई तरह की बीमारियां भी दूर होती हैं। आज हम आपको ड्राई फ्रूट्स के वो फायदे और गुण बताने जा रहे हैं, जिन्हें
जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे। बस ध्यान रखने वाली बात यह है कि इन्हें सही
मात्रा में खाएं।
सूखी अंजीर: सूखी अंजीर भूख को नियंत्रित रखने में सहायक होती है। इसमें फाइबर और
पोटैशियम की मात्रा ज़्यादा होती है। मोटे लोगों को सूखी अंजीर का सेवन
करना चाहिए। यह उनका वज़न कम करने में भी सहायक होती है।
चेतावनी: अंजीर का अधिक सेवन जिगर के लिए हानिकारक हो सकता है। अंजीर गरम होती है, इसलिए 5 दाने से ज्य़ादा न खाएं।
पिस्ता: पिस्ता हृदय रोगियों के लिए बेहद लाभकारी है। यह विटामिन बी-6 का प्रमुख
स्रोत है। इसमें विटामिन और खनिज भरपूर मात्रा में होते हैं। डाइटिंग कर
रही महिलाओं के लिए पिस्ता फायदेमंद होता है, क्योंकि इससे पेट ज़्यादा देर
तक भरा रहता है।
चेतावनी: ज़्यादा पिस्ता खाने से आपको एसिडिटी की दिक्कत हो सकती है। पिस्ते में नमक होने की वजह से ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए ज्यादा नुकसानदायक है।
चेतावनी: ज़्यादा पिस्ता खाने से आपको एसिडिटी की दिक्कत हो सकती है। पिस्ते में नमक होने की वजह से ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए ज्यादा नुकसानदायक है।
किशमिश: किशमिश के सेवन से पेट की कब्ज़ दूर होती है। इसे एक बढ़िया एंटीऑक्सीडेंट
माना जाता है, जो स्टैमिना बढ़ाता है। किशमिश अल्ज़ाइमर जैसी गंभीर बीमारी
से राहत दिलाने में भी उपयोगी साबित हुई है। अल्ज़ाइमर को 'भूलने वाला रोग' भी कहते हैं। इसके कारण आपकी
याददाश्त कमज़ोर हो जाती है और आप भूलने लगते हैं। बीपी,शुगर और सिर में कई
बार चोट लगने से आपको यह दिक्कत हो सकती है।
चेतावनी: किशमिश को भिगोकर खाना ही फायदेमंद होता है।
पीनट्स: पीनट्स में प्रोटीन की भरपूर मात्रा होती है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स भी होते हैं। अगर पीनट्स को डिब्बे में बंद करके फ्रिज में रखा जाए, तो ये छह महीने तक खराब नहीं होते।
पीनट्स: पीनट्स में प्रोटीन की भरपूर मात्रा होती है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स भी होते हैं। अगर पीनट्स को डिब्बे में बंद करके फ्रिज में रखा जाए, तो ये छह महीने तक खराब नहीं होते।
चेतावनी: जिनको अस्थमा की दिक्कत है, वो प्रेग्नेंसी के समय पीनट्स न खाएं। पीनट्स भी गर्म होते हैं। ज्यादा खाने से आपको गर्मी की शिकायत हो सकती है।
बादाम: बादाम में मौजूद 65 प्रतिशत मोनोसेचुरेटिड फैट शरीर के बैड कोलेस्ट्रॉल को
कम और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है। बादाम में विटामिन ई, विटामिन बी
और फाइबर मौजूद होते हैं। कैल्शियम की अच्छी मात्रा होने की वजह से बादाम
महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं।
बादाम को बिना छीले खाना चाहिए, क्योंकि इसके छिलकों में फ्लेवोनॉइड्स नाम
का एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो हृदय और रक्त धमनियों (arteries) को सुरक्षित
रखने में सहायक होता है। बादाम में कार्बोहाइड्रेट की बेहद कम मात्रा होती
है।
चेतावनी: ज्य़ादा बादाम खाने से आपको कब्ज़ हो सकती है, इसलिए दिन में 5 बादाम से ज्य़ादा न खाएं।
चेतावनी: ज्य़ादा बादाम खाने से आपको कब्ज़ हो सकती है, इसलिए दिन में 5 बादाम से ज्य़ादा न खाएं।
काजू: काजू को ड्राय फ्रूट्स का राजा भी कहा जाता है। काजू को प्रोटीन, मिनरल
सॉल्ट, जिंक, आयरन, फाइबर और मैगनीशियम का अच्छा स्रोत माना जाता है। काजू
का सेवन शरीर को ऊर्जा देने के साथ कई बीमारियों से हमारी रक्षा करता है।
चेतावनी: काजू ज्यादा न खाएं। इससे आपको खुश्की और खांसी हो सकती है। ज्यादा काजू खाने से आपको एसिडिटी की दिक्कत हो सकती है।
अखरोट: अखरोट में मौजूद फैट और पौष्टिक तत्व शरीर में इंसुलिन की मात्रा को संतुलित रखने में सहायक होते हैं। एग्ज़ीमा और अस्थमा के रोगियों के लिए अखरोट फायदेमंद होता है। अखरोट से टाइप टू डाइबिटीज़ के रोगियों में हृदय रोग की आशंका कम हो जाती है।
चेतावनी: अखरोट को 10 ग्राम से 20 ग्राम मात्रा में ही खाएं। अखरोट गरम व खुश्क प्रकृति का होता है।अखरोट पित्त प्रकृति वालों के लिए हानिकारक होता है।
चेतावनी: काजू ज्यादा न खाएं। इससे आपको खुश्की और खांसी हो सकती है। ज्यादा काजू खाने से आपको एसिडिटी की दिक्कत हो सकती है।
अखरोट: अखरोट में मौजूद फैट और पौष्टिक तत्व शरीर में इंसुलिन की मात्रा को संतुलित रखने में सहायक होते हैं। एग्ज़ीमा और अस्थमा के रोगियों के लिए अखरोट फायदेमंद होता है। अखरोट से टाइप टू डाइबिटीज़ के रोगियों में हृदय रोग की आशंका कम हो जाती है।
चेतावनी: अखरोट को 10 ग्राम से 20 ग्राम मात्रा में ही खाएं। अखरोट गरम व खुश्क प्रकृति का होता है।अखरोट पित्त प्रकृति वालों के लिए हानिकारक होता है।
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साभार: भास्कर समाचार
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