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एक मशहूर डॉक्टर ने एक बार कहा, 'भगवान, मेरी मौत बुढ़ापे के कारण न
हो। मैं युवा रहते हुए ही, लेकिन अधिक से अधिक उम्र में मरना चाहता हूं।' कुछ व्यायाम फिट रहने, कुछ शरीर में लोच बनाए रखने और कुछ माचो
'श्वार्जनेगर' जैसा लुक पाने के लिए किए जाते हैं। लेकिन व्यायाम करने वाले
अधिकतर लोगों का ऐसा कोई विशेष लक्ष्य नहीं होता। ऐसे लोग तो इसलिए
व्यायाम करते हैं, ताकि डॉक्टरों से दूरी बनी रहे। ऐसे लोगों के लिए एरोबिक
एक्सराइज (स्ट्रेथनिंग, स्ट्रेचिंग और एंड्युरेंस) करना सही होगा। इन्हें
हफ्ते भर का कार्यक्रम बनाकर समानुपात में बांटा जा सकता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसे चार व्यायाम, जिनमें से एक प्रतिदिन करेंगे तो निश्चित रूप से ही स्वस्थ रहेंगे: दौड़ना (Jogging): दौड़ना हर उम्र के लोगों के लिए अच्छी कसरत है। हालांकि, अधिक उम्र में दौड़ना या जॉगिंग शुरू से पहले दिल और जोड़ों की समस्याओं (यदि है) के लिए डॉक्टर से राय ले लेनी चाहिए। दौड़ने में शरीर की लगभग सभी मांसपेशियों शामिल होती हैं और मजबूत होती हैं। यह दिल, फेफड़े समेत सभी अंगों के लिए लाभदायी है। दौड़ने से शुरू में पैर, कूल्हे और पेट की मांसपेशियों में खिंचाव और फिर लचीलापन आता है। दिल और फेफड़े ताकतवर होते हैं, जिससे हर मांसपेशी तक ऑक्सीजन ज्यादा पहुंचता है। आमतौर पर एक घंटा दौड़ने से 300 से 1000 कैलोरी बर्न होती है, जो आपके वजन और दौड़ की रफ्तार पर तय करता है। यदि आपने दौड़ने की आदत बना ली तो यह न सिर्फ आपका वजन कम करेगा, बल्कि क्षमता भी बढ़ाएगा। इसलिए एक रास्ता ढूंढें जो अच्छा और सुरक्षित हो। विविधता जीवन में नए रंग भरती है और व्यायाम में भी यह बात लागू होती है। दौड़ने के लिए समुद्री तट या पार्क में बने जॉगिंग ट्रैक अच्छे विकल्प हैं (कई शहरों में अच्छे पार्क नहीं होते। ऐसे में, आप पास के स्कूल के मैदान में दौड़ सकते हैं।) जॉगिंग के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले आरामदेह जूते जरूरी हैं। खराब या अच्छे से फिट नहीं होने पर जूते आपकी मुश्किलें बढ़ा देते हैं। इनसे पैर में फफोले पड़ने का डर रहता ही है। ये घुटने और कमर में दर्द का कारण भी बन सकते हैं। हम अच्छे जूते उन्हें कह सकते हैं, जिनकी सोल लचीली हो, उसमें अच्छे पैड लगे हों और यह पसीने सोखने वाला भी हो। इसे एड़ी की ओर थोड़ा उठा होना चाहिए। दौड़ लगाने से पहले थोड़ा वार्म-अप करें। कंधों को ढीला छोड़ें और बाहों को दोनों तरफ घुमाएं। दौड़ते वक्त पैर का एड़ी वाला हिस्सा जमीन पर पहले पड़ना चाहिए। इसके बाद पंजे जमीन से छूने चाहिए। समतल भूमि पर धीमी रफ्तार से दौड़ें। करीब 15 मिनट या तब तक दौड़ें, जब तक सांस तेज न हो जाए, लेकिन ध्यान रखें कि इसके बाद पैदल चलने में सांस सामान्य रहनी चाहिए। शुरुआती महीनों में आधा घंटा दौड़ें। रफ्तार की चिंता न करें। यह आपकी सुविधानुसार होनी चाहिए। वैसे, आधे घंटे में आपको करीब चार किमी. की दूरी तय करनी चाहिए। दौड़ने के बाद कुछ देर चलते रहें। इसके बाद टखने, पिंडलियों और जांघ की मांसपेशियों के लिए स्ट्रेचिंग करें।
तैराकी (Swimming): यदि कोई मुझसे पूछे कि सबसे बेहतरीन व्यायाम क्या है, तो मैं बिना
हिचकिचाहट कहूंगा-तैराकी। बदकिस्मती से तैराकी के लिए पहली जरूरत पानी की
होती है, जो हर जगह आसानी से उपलब्ध नहीं होता। इसलिए यदि आपके पास
स्विमिंग पूल है तो उसका पूरा फायदा उठाइए। पानी शरीर को स्फूर्ति और
उल्लास से भर देता है। प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है, क्योंकि आप इसे चीरते
हुए आगे बढ़ते हैं। तैराकी में चोट की आशंका दूर-दूर तक नहीं होती (जब तक
कि आप कोई मूर्खतापूर्ण हरकत न करें, जैसे- जहां पानी कम हो, वहां डाइव
करना)। इन सबके अलावा इससे आपके सारे जोड़ों की कसरत हो जाती है। फेफड़ों
को भी लाभ होता है और आपकी श्वसन क्षमता काफी बढ़ जाती है। जब आप डाइव करते हैं, तभी से पानी आपकी मांसपेशियों की मसाज करना और दिमाग
को तरो-ताजा करना शुरू कर देता है। थकाऊ कसरत के बाद भी आप खुद को ताजा
महसूस करते हैं। कई लोग दिन की शुरुआत तैराकी से करना पसंद करते हैं तो कई
शाम को इसके जरिये दिन भर की थकान और तनाव दूर करते हैं। तैराकी कई चीजों
के लिए इलाज का काम भी करता है। तैराकी शुरू करने वालों को शुरुआत में कुछ ध्यान देने की जरूरत पड़ती है।
शुरू में तैराकी धीरे-धीरे करनी चाहिए और बीच-बीच में दिल की धड़कनें नापते
रहनी चाहिए। शुरू में 12-20 मिनट तैराकी की सलाह दी जाती है। धीरे-धीरे
आपकी क्षमता बढ़ जाती है और आप ज्यादा देर तक और तेज रफ्तार से तैराकी करने
लगते हैं। जब कुछ दिन तैराकी करते हो जाए तो इसकी अवधि 20-30 मिनट की जा
सकती है। फिर एक घंटे तक भी बढ़ा सकते हैं। करीब 70 किलो वजनी व्यक्ति
प्रति मिनट 8.5 कैलोरी बर्न करता है। पानी में दौड़ने से आपकी हार्ट-रेट को वैसे ही फायदा होता है, जैसे तैराकी
से होता है। कई लोग जो मैदान पर नहीं दौड़ते, वे पानी में आसानी से दौड़
सकते हैं। पानी के रेजिस्टेंस के चलते इसके भीतर दौड़ने में शरीर को
अतिरिक्त प्रयास और ऊर्जा की जरूरत होती है। जहां सीने तक पानी हो, वहां
पहले सिर पर हाथ रखकर दौड़ें, फिर बाहों से पानी हटाते हुए दौड़ें। ऐसा
करने से आपकी फिटनेस तेजी से बढ़ेगी। पानी में डूबने-उतराने से श्वास
क्षमता बढ़ती है। वहीं, तैरने से हाथ और पांव की मांसपेशियां मजबूत होती
हैं। आपकी क्षमता जो भी हो, स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज के बाद कुछ देर जरूर आराम
करें, जिससे शरीर का तापमान सामान्य हो सके।
रस्सी कूदना (Skipping): यदि आप दौड़ने के लिए बाहर नहीं जा पाते तो व्यायाम के लिए घर पर रस्सी
कूदना अच्छा विकल्प रहेगा। इसके लिए एक मध्यम मोटाई की करीब 9 फीट लंबी
रस्सी चाहिए। छत की ऊंचाई 10 फीट से अधिक हो तो बेहतर है। यदि कूदते वक्त
रस्सी पैर से लगे तो इसका मतलब यह है कि रस्सी छोटी है। रस्सी कूदने से
पैर, पेट, कमर और बांह की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। रस्सी कूदने की सलाह उन्हें भी दी जाती है जो स्टेमिना बढ़ाना चाहते हैं।
इससे शरीर फुर्तीला होता है। थ्रोइंग और जंपिंग की क्षमता भी बढ़ती है।
शुरू में 30-90 सेकंड तक रस्सी कूदना चाहिए। अपनी क्षमता के मुताबिक।
थोड़े-थोड़े अंतराल के बाद चार बार ऐसा करना अच्छा रहेगा। यह अंतराल
धीरे-धीरे कम करते जाएं, क्योंकि रस्सी कूदने की क्षमता बढ़ती जाएगी।
साइकिलिंग (Cycling): साइकिलिंग आपको शहर के बाहर की खूबसूरती निहारने का ही मौका नहीं देती, बल्कि यह पैरों की मांसपेशियों को भी ताकतवर
बनाती है। साइकिल चलाते वक्त शरीर के ऊपरी हिस्से और हाथ सिर्फ संतुलन
बनाते हैं। इसलिए साइकिलिंग करने वालों को शरीर के ऊपरी हिस्से और हाथ के
लिए अन्य व्यायाम भी करने की सलाह दी जाती है। व्यस्त सड़क पर तेज साइकिल चलाना जोखिम भरा है। फिटनेस के लिए साइकिलिंग
अपनाने वालों को शुरू में कुछ बातों का ख्याल रखना चाहिए। शुरू में कुछ दूर
और देर तक ही ऐसा करना चाहिए। आदत हो जाने और रास्तों से परिचित होने पर
इसका दायरा बढ़ा देना चाहिए। आप रोज सुबह साइकिलिंग करते हुए शहर के चक्कर
लगा सकते हैं या इसे घर के किसी काम से भी जोड़ सकते हैं, जैसे सुबह बाजार
से दूध या कोई अन्य जरूरी सामान लाना।
यदि आप संतुलित जीवन चाहते हैं, हमेशा स्वस्थ रहना चाहते हैं, तो इन व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल कर लीजिए। यदि ज्यादा व्यस्त हैं तो कम कसरत करें, लेकिन ऐसा नहीं करना कहीं से भी आपके हित में नहीं है। व्यायाम- कसरत-एक्सरसाइज के कई तरीके हैं, जो पसंद आए उसे अपनाएं। मजे से करें। बोरियत से बचने के लिए इसके तरीके बदलते रहें, लेकिन इसे नजरअंदाज बिलकुल न करें।
यदि आप संतुलित जीवन चाहते हैं, हमेशा स्वस्थ रहना चाहते हैं, तो इन व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल कर लीजिए। यदि ज्यादा व्यस्त हैं तो कम कसरत करें, लेकिन ऐसा नहीं करना कहीं से भी आपके हित में नहीं है। व्यायाम- कसरत-एक्सरसाइज के कई तरीके हैं, जो पसंद आए उसे अपनाएं। मजे से करें। बोरियत से बचने के लिए इसके तरीके बदलते रहें, लेकिन इसे नजरअंदाज बिलकुल न करें।
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साभार: भास्कर समाचार, इन्फिनी मैगज़ीन (महात्रया रा)
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