साभार: जागरण समाचार
उच्च शिक्षण संस्थानों को विश्वस्तरीय स्तरीय बनाने में जुटी सरकार फिलहाल ऐसे विश्वविद्यालय और कालेजों से नाखुश है जो डिजिटल तकनीक के इस्तेमाल की दौड़ में अभी भी पिछड़े हुए हैं। यूजीसी अब ऐसे सभी
संस्थानों के खिलाफ सख्ती की तैयारी में है। इसे लेकर देश भर के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों से डिजिटल तकनीक के इस्तेमाल का ब्योरा मांगा है। यूजीसी पहले भी डिजिटल तकनीक के इस्तेमाल को लेकर विश्वविद्यालयों और संस्थानों को निर्देश देती रही है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के मुताबिक रिपोर्ट आने के बाद ऐसे संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई होगी। साथ ही इन्हें दी जाने वाली वित्तीय मदद को भी रोकने का फैसला लिया जा सकेगा। फिलहाल यह सारी कवायद पिछले दिनों अलीगढ़, इलाहाबाद विश्वविद्यालय सहित कुछ चुनिंदा विश्वविद्यालयों की कराई गई ऑडिट के बाद शुरू हुई है। इसमें यह जानकारी निकलकर सामने आयी थी कि विश्वविद्यालय अभी भी डिजिटल तकनीक के इस्तेमाल में काफी पीछे हैं।
सात बिंदुओं से जुड़ा ब्योरा मांगा: यूजीसी ने डिजिटल इस्तेमाल को परखने के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों से सात बिंदुओं के जरिए जानकारी मांगी है। इनमें पूछा गया है कि क्या आप डिजिटल बोर्ड का इस्तेमाल करते हैं। संस्थान में कितने ऐसे बोर्ड लगे हैं। एलसीडी प्रोजेक्टर कितने इस्तेमाल हो रहे हैं। टीवी स्क्रीन कितनी हैं। मानव संसाधन विकास मंत्रलय, यूजीसी आदि की ओर से तैयार कराए गए कितने ऑनलाइन लेक्चर दिखाए गए। कब से इस तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। साथ ही इसका लाभ कितने छात्रों और शिक्षकों को अब तक मिला है।