साभार: जागरण समाचार
गांवों में लाल डोरे में पड़ती जमीन की अब रजिस्ट्री होगी। पहले सारे मकान और प्लाटों की कच्ची रजिस्ट्री
की जाएगी और छह महीने तक कोई आपत्ति दर्ज नहीं होने पर इंतकाल कर दिया जाएगा। अगर किसी जमीन की रजिस्ट्री पर ग्रामीणों को आपत्ति होगी तो इसके समाधान के बाद ही जमीन का इंतकाल होगा।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अगुवाई में बृहस्पतिवार रात हुई मंत्री समूह की अनौपचारिक बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में लिए फैसलों की जानकारी देते हुए राज्यमंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने बताया कि ग्रामीणों को लाल डोरे के चक्कर से मुक्ति दिलाई जाएगी। मकान और प्लाटों की रजिस्ट्री से जहां आपसी झगड़े खत्म होंगे वहीं लोन भी आसानी से मिल सकेगा।
बैठक में चौकीदारों को नंबरदारों की तर्ज पर आयुष्मान भारत योजना के दायरे में लाने पर सहमति बनी। इससे वह बीमारी की स्थिति में अपने परिजनों के साथ सरकारी और निजी अस्पतालों में पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज करा सकेंगे। इसके अलावा बिजली निगम के लाइनमैन, सहायक लाइनमैन, फायर मैन, फायर ड्राइवर और सीवरमैन का दस लाख रुपये का बीमा कराया जाएगा जिसका सारा प्रीमियम सरकार देगी।
कालेजों में बनेंगे ड्राइविंग लाइसेंस: प्रदेश की सभी आइटीआइ, पोलीटेक्निक, कालेजों तथा विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले सभी छात्र-छात्रओं के ड्राइविंग लाइसेंस अब संस्थान में ही प्रधानाचार्य बनवाएंगे। लर्निग लाइसेंस जहां प्राचार्य अपने स्तर पर ही जारी कर देंगे, वहीं नियमित लाइसेंस के लिए ड्राइविंग टेस्ट भी विशेषज्ञों की मौजूदगी में संस्थान में ही होगा। ड्राइविंग टेस्ट में पास होने के बाद संबंधित शिक्षण संस्थान प्रमाणपत्र जारी कर देगा।
केएमपी के लोकार्पण की तैयारियों पर चर्चा: बैठक में कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेस-वे के लोकार्पण की तैयारियों पर चर्चा की गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 नवंबर की सुबह ठीक 10.30 बजे रिमोट से केएमपी का उद्घाटन करेंगे। इस दौरान एक्सप्रेस-वे के सभी सात एग्जिट प्वाइंट पर प्रदेश सरकार के मंत्री, सांसद और विधायकों की ड्यूटी लगाई गई है। सोनीपत के कुंडली में मुख्यमंत्री खुद स्थानीय सांसद रमेश कौशिक के साथ मौजूद रहेंगे।
हरियाणा के सभी जिलों में अब एक मॉडल तालाब होगा। विशेषकर ग्रामीण बस्तियों के तालाबों को जीर्णोद्धार में प्राथमिकता दी जाएगी ताकि ग्रामीणों को असुविधा न हो। इसके अलावा लबालब तालाबों के पानी का उपयोग सिंचाई के लिए करने की योजना बनाई गई है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल, जो हरियाणा तालाब एवं व्यर्थ जल प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष भी हैं, ने शुक्रवार को गवनिर्ंग बॉडी की पहली बैठक में सभी तालाबों को साल में कम से कम एक बार पूरी तरह से खाली करने के निर्देश दिए। प्रदेश में 18 हजार तालाब हैं जिनमें 15 हजार 500 गांवों में हैं। मुख्यमंत्री ने धार्मिक महत्व के तालाबों की इसी दृष्टिकोण से विकसित करने की जरूरत बताई। कुरुक्षेत्र, करनाल और जींद में पवित्र सरोवरों के जीर्णोद्धार के लिए 30 से 40 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे जल्द ही प्राधिकरण द्वारा विकसित किए जा रहे पांच तालाबों का दौरा करेंगे। प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि अतिप्रवाह वाले तालाबों की समस्या अगले आठ महीनों में हल हो जाएगी।