साभार: जागरण समाचार
हरियाणा में चुनाव भले ही अभी दूर हैं, लेकिन राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी पार्टियों के एजेंडे सेट कर लिए
हैं। प्रदेश सरकार विधानसभा चुनाव अगले साल अक्टूबर में होने का दावा कर रही, मगर तमाम दल लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होने की संभावनाओं के मद्देनजर मैदान में डट गए हैं। सभी दलों के चुनावी तरकश में मुद्दों के तीर तैयार हैं। सत्तारूढ़ भाजपा, विपक्षी दल इनेलो और कांग्रेस की लड़ाई में अब आम आदमी पार्टी भी शामिल हो गई है। आधा दर्जन से अधिक बार हरियाणा का दौरा कर चुके पार्टी अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल के चुनावी समर में कूदने के एलान से मुकाबला रोचक होने के आसार पैदा हो गए हैं। कांग्रेस, इनेलो और भाजपा हालांकि केजरीवाल की पार्टी को गंभीरता से नहीं ले रहे, लेकिन चंडीगढ़ में केजरीवाल ने जिस तरह से मंदिर-मस्जिद की लड़ाई के बीच स्कूल-अस्पतालों के निर्माण की बात कही है, उससे दूसरे विपक्षी दलों की परेशानी बढ़ सकती है।
सत्तारूढ़ भाजपा विकास के मुद्दे पर चुनावी समर में कूदने की तैयारी में है। भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, परिवारवाद और क्षेत्रवाद खत्म करने के नारे के साथ मुख्यमंत्री मनोहर लाल मिशन 2019 फतेह करने का सपना देख रहे हैं। विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला एसवाईएल नहर निर्माण के मुद्दे पर चुनाव मैदान में हैं।
किसानों की अनदेखी, कर्जमाफी और फसलों के पूरे दाम नहीं मिलने के मुद्दे पर चौटाला सरकार को घेरते हुए जनता के बीच जा रहे हैं। कांग्रेस में फिलहाल आपसी कलह है। भाजपा सरकार के चार सालों के वादों पर सवाल खड़ा करते हुए कांग्रेस उसकी नाकामी को मुद्दा बना रही है।
किसानों की अनदेखी, कर्जमाफी और फसलों के पूरे दाम नहीं मिलने के मुद्दे पर चौटाला सरकार को घेरते हुए जनता के बीच जा रहे हैं। कांग्रेस में फिलहाल आपसी कलह है। भाजपा सरकार के चार सालों के वादों पर सवाल खड़ा करते हुए कांग्रेस उसकी नाकामी को मुद्दा बना रही है।
आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष केजरीवाल ने राज्य के स्कूलों और अस्पतालों का दौरा करने के बाद जिस तरह से सरकार पर हमला बोला उससे साफ लग रहा कि हरियाणा का चुनाव वह स्कूल और अस्पतालों के मुद्दे पर ही लड़ने वाले हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हालांकि दिल्ली जाकर मोहल्ला क्लीनिक देखने की चुनौती को स्वीकार कर लिया है, लेकिन 12 नवंबर को केजरीवाल भी हरियाणा के स्कूल और अस्पताल देखने के लिए आ रहे हैं। ऐसे में स्पष्ट है कि केजरीवाल अच्छी शिक्षा और बढ़िया इलाज उपलब्ध कराने के अपने मुद्दे को पटरी से उतारने वाले नहीं हैं।