सिरसा के डेरा सच्चा सौदा के मुखिया गुरमीत सिंह को 15 साल पुराने साध्वी यौन शोषण मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने आज दोषी करार दे दिया जिसके बाद बाबा के समर्थकों ने पंचकूला शहर के सेक्टर पांच में
क़ानून को अपने हाथ में लेते हुए जमकर तोड़फोड़, आगजनी और उपद्रव किया जिससे अब तक लगभग 28 मौतों और सैंकड़ों लोगों के जख्मी होने की खबर आ रही है। इस से पहले बाबा करीब 800 गाड़ियों के काफिले और भारी लाव लश्कर के साथ सिरसा से सड़क मार्ग से ही पंचकूला पहुंचा था। करीब अढ़ाई बजे सीबीआई जज श्री जगदीप सिंह ने 17 अगस्त को सुरक्षित रखा हुआ फैसला सुनाया, जिसके तुरंत बाद गुरमीत को हिरासत में ले लिया गया और वहां से हेलीकाप्टर द्वारा रोहतक की सुनारिया जेल ले जाया गया। जैसे ही तथाकथित संत के समर्थकों को यह खबर मिली, उन्होंने आव देखा न ताव और सरकारी संपत्ति के साथ साथ मीडियाकर्मियों को भी अपना कोपभाजन बनाना शुरू कर दिया। देखते ही देखते पंचकूला शहर में धुंए के बादल बंनने लगे। मीडिया चैनलों की गाड़ियों को असामाजिक तत्त्वों ने आग के हवाले कर दिया। वहीं हरियाणा सरकार और पुलिस इस गुंडागर्दी के सामने लाचार और बेबस दिखी। कारण केवल यही कि चार दिन पहले जब धारा 144 पूरे राज्य में लागू कर दी गई थी, उसके बावजूद भी डेरा के भक्तों की भीड़ पंचकूला में इकट्ठी होती रही और फैसले के दिन तक करीब एक से डेढ़ लाख लोग जमा हो गए। पंचकूला के इलावा डेरा की राजधानी सिरसा में भी हिंसक झड़पें डेरा प्रेमियों और पुलिस व अर्धसैनिक बलों के बीच हुईं। सिरसा में एक व्यक्ति की मौत हुई है, हालात अभी भी चिंताजनक बने हुए हैं क्योंकि दो से अढ़ाई लाख समर्थक डेरे और उसकी सीमा के आसपास मौजूद बताए जा रहे हैं।
पंजाब के मलोट और बल्लुआना रेलवे स्टेशन, बरनाला में टेलीफोन एक्सचेंज और कई जगहों पर पेट्रोल पंप और सरकारी बसें डेरा समर्थकों ने आग के हवाले किए। दिल्ली में भी आनंद विहार में ट्रेन की दो बोगियां, कई स्थानों पर बसें जलाई गईं, वहीँ यूपी के गाज़ियाबाद जिले में बसों को जला देने की खबर है।