भारत की विदेश नीति और सामरिक भागीदारों के साथ तालमेल के मुद्दे पर गुरुवार को राज्यसभा में बहस हुई। विपक्ष ने सरकार पर पड़ोसी देशों से संबंध बिगाड़ने का आरोप लगाया। कांग्रेस के आनंद शर्मा ने पूछा, 'क्या
चीन के साथ वार्ता की खिड़की अभी खुली है? कहीं बातचीत के दरवाजे बंद तो नहीं हो रहे?' जवाब में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि डोकलाम में चीन के साथ जारी विवाद का समाधान युद्ध नहीं, बातचीत से ही होगा। चीन के साथ विवाद पर भारत का स्टैंड साफ करते हुए उन्होंने बताया कि चीन से द्विपक्षीय वार्ता चल रही है। अब देश सामरिक नहीं, आर्थिक क्षमता से चलता है। इसलिए यह बढ़ानी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी आर्थिक क्षमता में चीन का बड़ा योगदान है। भारत धैर्य और संयम से काम कर रहा है। बहस के दौरान विपक्षी दलों ने पड़ोसियों के साथ संबंध बेहतर बनाने पर जोर देते हुए कहा कि पड़ोस सुरक्षित होने पर ही देश मजबूत बन सकता है। आनंद शर्मा ने कहा कि हम बार-बार पाकिस्तान को अलग-थलग करने के बयान क्यों देते हैं। हालांकि, भारत की विदेश नीति को मजबूत बताते हुए सुषमा ने कहा कि आज अमेरिका और रूस दोनों भारत के साथ हैं। सुषमा ने पीएम मोदी की तारीफ की। उन्होंने कहा कि पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू ने निजी सम्मान कमाया था। वहीं, मोदी ने विदेशों में भारत का मान बढ़ाया। येचुरी भारत को अमेरिका का जूनियर पार्टनर बता रहे हैं, लेकिन यह सही नहीं है। मोदी में माद्दा है कि वह कहीं भी खड़े होकर ट्रम्प को चुनौती दे सकते हैं। वह अब ग्लोबल एजेंडा तय करने वाले पीएम बन गए हैं।
आनंद शर्मा
1.जिनपिंग से हुई बातचीत पर मोदी चुप क्यों? डोकलाम पर चीन का रुख असमान्य रूप से आक्रामक है। मोदी चीनी राष्ट्रपति से मिले। भारत कहता है कि दोनों के बीच जर्मनी के हैम्बर्ग में सार्थक बातचीत हुई। पर चीन इनकार करता है। मोदी इस पर चुप क्यों हैं?
2.नाटकीय तरीके से माेदी पाकिस्तान चले गए प्रधानमंत्री 'मन की बात' तो करते हैं, लेकिन बॉर्डर की घटनाओं पर मौन हो जाते हैं। अफगानिस्तान दौरा नाटकीय बनाते हुए पाकिस्तान चले गए। लेकिन नहीं बताया कि वहां क्या बात हुई? अमेरिका में कहते हैं कि भारत की शक्ति दुनिया ने मान ली, लेकिन पाकिस्तान तो नहीं मान रहा।
3.मोदी को अकेले विदेश जाने का शौक, मंत्री को नहीं ले जाते 65 देश घूम चुके मोदी ने सदन को नहीं बताया कि इनसे क्या मिला। उन्हें अकेले ही जाने का शौक है। मंत्री को तो मजबूरी में ही ले जाते हैं।
सुषमा स्वराज 1.राहुल ने चीनी राजदूत को अपने घर क्यों बुलाया था? मोदी ने जिनपिंग से कहा था कि मतभेद होते हैं लेकिन इन्हें विवादों में ना बदलें। मैं पूछना चाहती हूं कि चीन के साथ विवाद पर सरकार से तथ्य पूछने के बजाय राहुल गांधी चीनी राजदूत से क्यों मिले?
2.यह तो हमारे संबंधों की नजीर था प्रधानमंत्री प्रोटोकॉल तोड़कर नवाज शरीफ के जन्मदिन में शामिल होने गए। यह हमारे संबंध की नजीर था। बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद जब नवाज शरीफ ने उसे शहीद बताया तो हालात बिगड़े। हमारी सरकार का रोडमैप यह है कि जिस दिन आतंक खत्म हो जाएगा, पाकिस्तान से हमारी दोस्ती सुधर जाएगी।
3.कुछ लोगों को तो झगड़ा लगाने की आदत है कुछ लोगों को झगड़ा लगाने की आदत है। आनंद शर्मा बात शुरू करतेे हैं। शरद यादव इसमें चिंगारी लगा देते हैं। रामगोपाल यादव और सीताराम येचुरी इसे और बढ़ा देते हैं। मनमोहन जी बताएं कि कितनी बार सलमान खुर्शीद या आनंद शर्मा को साथ ले गए। मल्टीलेटरल फोरम पर मैं साथ जाती हूं।
1.जिनपिंग से हुई बातचीत पर मोदी चुप क्यों? डोकलाम पर चीन का रुख असमान्य रूप से आक्रामक है। मोदी चीनी राष्ट्रपति से मिले। भारत कहता है कि दोनों के बीच जर्मनी के हैम्बर्ग में सार्थक बातचीत हुई। पर चीन इनकार करता है। मोदी इस पर चुप क्यों हैं?
2.नाटकीय तरीके से माेदी पाकिस्तान चले गए प्रधानमंत्री 'मन की बात' तो करते हैं, लेकिन बॉर्डर की घटनाओं पर मौन हो जाते हैं। अफगानिस्तान दौरा नाटकीय बनाते हुए पाकिस्तान चले गए। लेकिन नहीं बताया कि वहां क्या बात हुई? अमेरिका में कहते हैं कि भारत की शक्ति दुनिया ने मान ली, लेकिन पाकिस्तान तो नहीं मान रहा।
3.मोदी को अकेले विदेश जाने का शौक, मंत्री को नहीं ले जाते 65 देश घूम चुके मोदी ने सदन को नहीं बताया कि इनसे क्या मिला। उन्हें अकेले ही जाने का शौक है। मंत्री को तो मजबूरी में ही ले जाते हैं।
सुषमा स्वराज 1.राहुल ने चीनी राजदूत को अपने घर क्यों बुलाया था? मोदी ने जिनपिंग से कहा था कि मतभेद होते हैं लेकिन इन्हें विवादों में ना बदलें। मैं पूछना चाहती हूं कि चीन के साथ विवाद पर सरकार से तथ्य पूछने के बजाय राहुल गांधी चीनी राजदूत से क्यों मिले?
2.यह तो हमारे संबंधों की नजीर था प्रधानमंत्री प्रोटोकॉल तोड़कर नवाज शरीफ के जन्मदिन में शामिल होने गए। यह हमारे संबंध की नजीर था। बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद जब नवाज शरीफ ने उसे शहीद बताया तो हालात बिगड़े। हमारी सरकार का रोडमैप यह है कि जिस दिन आतंक खत्म हो जाएगा, पाकिस्तान से हमारी दोस्ती सुधर जाएगी।
3.कुछ लोगों को तो झगड़ा लगाने की आदत है कुछ लोगों को झगड़ा लगाने की आदत है। आनंद शर्मा बात शुरू करतेे हैं। शरद यादव इसमें चिंगारी लगा देते हैं। रामगोपाल यादव और सीताराम येचुरी इसे और बढ़ा देते हैं। मनमोहन जी बताएं कि कितनी बार सलमान खुर्शीद या आनंद शर्मा को साथ ले गए। मल्टीलेटरल फोरम पर मैं साथ जाती हूं।
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साभार: भास्कर समाचार
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