सेक्टर-8 मार्केट से अपने घर करीब रात 12.15 बजे कार ड्राइव कर जा रही थी। जब मैं रोड क्रॉस करने के बाद सेक्टर-7 के पेट्रोल पंप के पास पहुंची उस समय मैं फोन पर अपने फ्रैंड से बात कर रही थी। वहां एक मिनट के
बाद मुझे एहसास हुआ कि मेरी कार का दूसरी कार पीछा कर रही है। यह सफेद रंग की एसयूवी गाड़ी थी। मैं अब सेंट जोंस स्कूल के पास से सेक्टर-7 की तरफ को थी। इस कार में दो लोग थे और ऐसा लग रहा था कि आधी रात को एक लड़की को तंग करके वह एन्जॉय कर रहे थे। ऐसा लग रहा था कि वो मेरी गाड़ी को हिट करना चाह रहे हों। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। मैं उस वक्त काफी डर गई थी लेकिन अलर्ट भी हो चुकी थी इसलिए सेंट जोंस स्कूल के साथ लगते ट्रैफिक सिग्नल्स से गाड़ी मध्य मार्ग की तरफ मोड़ दी (मध्य मार्ग में रात को भी ट्रैफिक रहता है)
जैसे ही मैं सेंट जोंस वाले ट्रैफिक सिग्नल से मध्य मार्ग की तरफ को मुड़ने लगी तो पीछा कर रही एसयूवी कार ने आगे गाड़ी लगाकर रोड ब्लॉक कर दिया। जिससे मुझे सेक्टर-26 की तरफ ही सीधे जाने को मजबूर होना पड़े। इसके बाद अगले मोड़ पर जाकर मैंने दोबारा मुड़ने की कोशिश की लेकिन इस बार उन्होंने एक कदम बढ़कर राइट टर्न लेकर मेरा रास्ता फिर ब्लॉक कर दिया। इसके बाद गाड़ी में बैठा एक युवक बाहर निकला और मेरी गाड़ी की तरफ चलने लगा। मैंने फटाफट गाड़ी रिवर्स की और सीधे गाड़ी राईट टर्न लेकर भगा ली। इसी दौरान मैंने 100 नंबर पर कॉल किया। पुलिस वाले ने ढांढस बंधाया और कहा कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है पुलिस फौरन मौके पर पहुंचेगी।
अब मैं मेन रोड पर पहुंच गई थी। और मुझे पीछा कर रही एसयूवी नहीं दिखी। लगा कि उन्होंने मुझे पुलिस को फोन करते हुए देख लिया और वे भाग गए। लेकिन मेरा यह सोचना गलत था। अब मैं मध्य मार्ग पर सीधे चल रही थी। इसी दौरान एसयूवी दोबारा मेरे बिलकुल साथ में गई थी। अगले 10-15 मिनट तक वे मेरी गाड़ी को रोकने के लिए पूरी तरह से हर संभव कोशिश करते रहे।
अब मैं पूरी तरह से डर गई थी क्योंकि वे पूरी कोशिश में थे कि मुझे एक तरफ ले जाकर रोक सकें। मुझे लग रहा था कि पता नहीं मैं घर पहुंच पाऊंगी या नहीं। उन्होंने मुझे आखिरी बार हाउसिंग बोर्ड के पास सॉलिटेयर होटल के पास दोबारा गाड़ी ब्लॉक कर दी। अब यहां से मेरे भागने का रास्ता नहीं बचा था तभ्सी एक लड़के ने मेरी गाड़ी के सामने जंप लगाकर अटैक करने की कोशिश की।
अब मुझे याद नहीं कि उस दौरान भी मैंने कैसे अपनी गाड़ी को रिवर्स किया और जहां पर भी जगह दिखी उसी तरफ गाड़ी भगा ली। अब जब बार बार हॉर्न बजा कर मैं गाड़ी निकाल रही थी तो शायद कुछ लोगों को गड़बड़ी के बारे में पता लग गया था। इसके बाद इसी जगह पर एक आरोपी मेरी कार तक पहुंच गया, उसने मेरी कार के शीशे पर जोर से टक्कर मारी और दरवाजे का लॉक खोलने की कोशिश की।
जैसे ही उसने यह किया मैंने लाइट्स पर पीसीआर देखी। उन्होंने मेरा हार्न बजाना सुन लिया था। इसके बाद पुलिस कर्मियों का एक जोड़ा एसयवी की तरफ भागा। उन्हें पकड़ लिया। मैं डर से कांप रही थी, सीधा घर गई। पिता के साथ शिकायत को सेक्टर 26 पुलिस स्टेशन गई। दोनों लड़के राजनीतिक तौर पर बहुत प्रभावी परिवारों से थे। लेकिन उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
मैं चंडीगढ़ पुलिस का धन्यवाद करना चाहती हूं कि उन्होंने समय पर एक्शन लिया वरना मैं यह स्टेटस आज नहीं लिख रही होती। अगर देश के सबसे सुरक्षित माने जाने वाले शहर में महिलाओं के साथ ऐसा हो सकता है तो हम किस दिशा में जा रहे हैं। मुझे यह जानकार बड़ा आघात लगा है कि ऐसे शहर में जहां हर लाइट प्वाइंट पर कैमरा है और हर 200 मीटर पर पुलिस वाले होते है ऐसे शहर में लड़कों ने यह सोचा कि वह मेरी कार के अंदर जाएंगें या मुझे अपनी कार में बिठा लेगें। सिर्फ इसलिए क्योंकि वह प्रभावी बैकग्राउंड से है।
अब मैं पूरी तरह से डर गई थी क्योंकि वे पूरी कोशिश में थे कि मुझे एक तरफ ले जाकर रोक सकें। मुझे लग रहा था कि पता नहीं मैं घर पहुंच पाऊंगी या नहीं। उन्होंने मुझे आखिरी बार हाउसिंग बोर्ड के पास सॉलिटेयर होटल के पास दोबारा गाड़ी ब्लॉक कर दी। अब यहां से मेरे भागने का रास्ता नहीं बचा था तभ्सी एक लड़के ने मेरी गाड़ी के सामने जंप लगाकर अटैक करने की कोशिश की।
अब मुझे याद नहीं कि उस दौरान भी मैंने कैसे अपनी गाड़ी को रिवर्स किया और जहां पर भी जगह दिखी उसी तरफ गाड़ी भगा ली। अब जब बार बार हॉर्न बजा कर मैं गाड़ी निकाल रही थी तो शायद कुछ लोगों को गड़बड़ी के बारे में पता लग गया था। इसके बाद इसी जगह पर एक आरोपी मेरी कार तक पहुंच गया, उसने मेरी कार के शीशे पर जोर से टक्कर मारी और दरवाजे का लॉक खोलने की कोशिश की।
जैसे ही उसने यह किया मैंने लाइट्स पर पीसीआर देखी। उन्होंने मेरा हार्न बजाना सुन लिया था। इसके बाद पुलिस कर्मियों का एक जोड़ा एसयवी की तरफ भागा। उन्हें पकड़ लिया। मैं डर से कांप रही थी, सीधा घर गई। पिता के साथ शिकायत को सेक्टर 26 पुलिस स्टेशन गई। दोनों लड़के राजनीतिक तौर पर बहुत प्रभावी परिवारों से थे। लेकिन उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
मैं चंडीगढ़ पुलिस का धन्यवाद करना चाहती हूं कि उन्होंने समय पर एक्शन लिया वरना मैं यह स्टेटस आज नहीं लिख रही होती। अगर देश के सबसे सुरक्षित माने जाने वाले शहर में महिलाओं के साथ ऐसा हो सकता है तो हम किस दिशा में जा रहे हैं। मुझे यह जानकार बड़ा आघात लगा है कि ऐसे शहर में जहां हर लाइट प्वाइंट पर कैमरा है और हर 200 मीटर पर पुलिस वाले होते है ऐसे शहर में लड़कों ने यह सोचा कि वह मेरी कार के अंदर जाएंगें या मुझे अपनी कार में बिठा लेगें। सिर्फ इसलिए क्योंकि वह प्रभावी बैकग्राउंड से है।
लड़की के पिता ने भी पूरे घटनाक्रम को सोशल मीडिया पर शेयर किया है। कहा, 'यह घटना मुझे और मेरे परिवार को भयभीत करने वाली है। वो तो शुक्र है कि बेटी ने तत्काल पुलिस को फोन कर दिया और समय पर पुलिस की मदद मिल गई। दो बेटियों का पिता होने के नाते मैं इस मामले को अंजाम तक ले जाना चाहता हूं। गुंडों को सजा मिलनी ही चाहिए। जैसा कि अपेक्षित है गुंडे प्रभावशाली परिवारों से हैं। अधिकांश मामले इसी वजह से सामने नहीं पाते हैं। हम ऐसे अपराधियों को बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं। मैं एक पिता के रूप में फेल हो जाऊंगा, अगर ऐसे समय मैं बेटी के साथ खड़ा नहीं रहा।'
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार
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