Wednesday, August 23, 2017

ऑस्ट्रेलिया के रेस्टोरेंट्स में ग्राहकों से एक कप कॉफी का पैसा दान में लेती हैं, जोधपुर आकर बेघर बच्चों को कपड़े देती हैं

राजस्थान में जोधपुर के बेघर, जरूरतंमद एवं गरीब बच्चों की फिक्र हजारों मील दूर ऑस्ट्रेलिया की कुछ महिलाएं भी पूरी शिद्दत से करती हैं। इन बच्चों की मदद के लिए बाकायदा 'लीव वन कॉफी एंड कंट्रीब्यूट
होमलेस चिल्ड्रन' अभियान यह महिलाएं चलाती हैं। इसके तहत पर्थ के कई रेस्टोरेंट्स में आने वाले कस्टमर्स को बताकर उनसे एक कॉफी का पैसा अतिरिक्त लिया जाता है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। चार महीने तक जब हजारों कॉफी का पैसा एकत्र हो जाता है, तो इस अभियान की फाउंडर ऑस्ट्रेलिया की मिलेनियर बिजनेस वुमंस रिनी कोलमैन टीम जोधपुर आते हैं। चैरिटी से एकत्र हुए तकरीबन 6-8 लाख रुपयों से बेसहारा, अनाथ और गरीब बच्चों को कपड़े, किताबें, जूते, खिलौने अन्य सामग्री मुहैया करवाई जाती है।
जोधपुर की बिजनेस पार्टनर ने दिखाई राह, अब घूम-घूमकर बांटती हैं मदद: रिनी ने 2014 में जोधपुर में बिजनेस पार्टनर अपूर्वा भंसाली से बच्चों के लिए कुछ करने की इच्छा जताई। इस पर अपूर्वा ने उन्हें लव-कुश आश्रम में अनाथ बच्चों तथा शहर के अन्य स्थानों पर झुग्गी में रहने वाले बच्चों की मदद करने का तरीका बताया। रिनी उनके ग्रुप की सभी महिलाएं लवकुश आश्रम पहुंचीं। यहां पर इन्होंने तत्कालीन संचालक भगवान सिंह परिहार से बात की। बस, इसके बाद रिनी ने जो अभियान शुरु किया उसे अब चार साल हो चुके हैं। 
साल 2000 में रिनी हैंडीक्राफ्ट की खरीदारी करने जोधपुर आई थी। बासनी स्थित एक शोरूम से बाहर निकलते समय उन्होंने देखा कि कुछ बच्चे कम कपड़ों में मिट्टी में खेल रहे है। उनके हाथ में मिट्टी से सनी रोटी थी जिसे वे खा रहे थे। यह देखकर रिनी स्तब्ध रह गईं। 2008 से रिनी ने इन बच्चों को मदद करने की ठानी लेकिन यहां उनकी मदद कौन करेगा यह झिझक आड़े जाती। 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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