500 रुपए के दो तरह के नोटों की छपाई का आरोप लगा रहे कांग्रेस सदस्यों ने मंगलवार को राज्यसभा की कार्यवाही नहीं चलने दी। सदन में कांग्रेस सदस्यों के हंगामे के कारण उपसभापति पी जे कुरियन को सदन की
कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी। कांग्रेस सदस्यों ने कई बार आसन के समक्ष आकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। हंगामे के कारण सदन की बैठक बार-बार बाधित हुई। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। कांग्रेस सदस्य कपिल सिब्बल द्वारा दो तरह के नोट छापे जाने का मुद्दा उठाए जाने पर लंच से पहले कार्यवाही पांच बार स्थगित की गई। उन्होंने कहा कि यह देश का सबसे बड़ा घोटाला है। देश में 500 और 2000 रुपए के दो प्रकार के नोट छापे जा रहे हैं। एक प्रकार का नोट सत्तारूढ़ दल के लिए है वहीं दूसरा अन्य लोगों के लिए है। हमें आज पता लगा कि सरकार ने क्यों नोटबंदी की थी। विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि दो प्रकार के नोट छापे जा रहे हैं और इस सरकार को पांच मिनट भी सत्ता में बने रहने का हक नहीं है। कांग्रेस के आनंद शर्मा ने कहा कि यह करेंसी की विश्वसनीयता का सवाल है। कांग्रेस को तृणमूल तथा जदयू के शरद यादव का समर्थन मिला। कई सदस्यों ने सदन में 500 के नए नोट भी दिखाए। तृणमूल के डेरेक ब्रायन ने कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा है वहीं शरद यादव ने कहा कि सरकार को जवाब देना होगा कि दो प्रकार के नोट कैसे छपे।
उपसभापति पी जे कुरियन बोले-मैं नोटों का विशेषज्ञ नहीं: उपसभापति पी जे कुरियन ने कहा कि वह कोई विशेषज्ञ नहीं हैं जो नोटों की जांच कर सकें। अगर दो प्रकार के भी नोट हैं तो भी इस मुद्दे को व्यवस्था के प्रश्न के तहत नहीं उठाया जा सकता। सरकार की ओर से संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और कानून मंत्री प्रसाद ने कहा कि सरकार चर्चा के लिए तैयार है। कुरियन ने शांति की अपील की लेकिन हंगामा कर रहे सदस्यों पर अपील का कोई असर नहीं हुआ और उपसभापति ने 11 : 50 मिनट पर बैठक 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। दोपहर दो बजे भी हंगामा जारी रहा और कार्यवाही बाधित हुई। ढाई बजे बैठक दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
वित्तमंत्री जेटली ने कहा-विपक्ष हमेशा महत्वहीन मुद्दे उठाकर कार्रवाई बाधित करता है: विपक्ष सदन के नेता एवं वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि विपक्ष आए दिन बिना नोटिस दिए महत्वहीन मुद्दे उठाता रहता है। विपक्ष की कोशिश रहती है कि कुछ भी करके कार्रवाई बाधित की जाए। ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जिसके तहत कोई कागज लहरा कर व्यवस्था का प्रश्न उठाया जाए। यह शून्यकाल का दुरुपयोग हो रहा है। कांग्रेस ने पहले राज्यसभा चुनाव में नोटा का मुद्दा उठाया था। लेकिन बाद में पता लगा कि यह प्रावधान उनके ही शासनकाल में बनाया गया था।
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE. Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.