सोशल मीडिया के जरिए राजकीय सीनियर सेकंंडरी स्कूलों को लेकर विद्यार्थियों में क्रेज बढ़ाने की योजना फेल होती नजर रही है। शिक्षा विभाग के निर्देश अध्यापकों की ओर से शुरू की गई इस योजना के तहत अब कुछ
काम होता नजर नहीं रहा है। लंबे समय से फेसबुक पर बने सरकारी स्कूलों के नाम से बने पेज अब डिक्टेविट हो गए हंै। क्योंकि अध्यापकों अपनी रुचि नहीं दिखाई और सांस्कृतिक गतिविधियों टूर आदि की कोई पोस्ट नहीं डाली है। ऐसे में शिक्षा विभाग की सोशल मीडिया के माध्यम से युवाओं को सरकारी स्कूलों से जोड़ने से खुद को दूर रखा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। शिक्षा विभाग ने सीनियर सेकंडरी स्कूलों के नाम से फेसबुक पर पेज बनाकर स्कूल में होने वाली महत्वपूर्ण गतिविधियों को युवाओं के साथ सांझा करने के लिए मार्च 2013 में मुहिम शुरू की थी। जिसके तहत फेसबुक पर स्कूल की सांस्कृतिक कार्यक्रमों की जानकारी स्पेशल टूर की फोटो अपलोड करना और युवाओं के बीच शेयर करना स्कूल स्टाफ की जिम्मेवारी थी। लेकिन अध्यापकों ने बाद में मुहिम का हिस्सा बनने में कोई रूचि नहीं दिखाई और ही कोई पाेस्ट डाली। फतेहाबाद के सीनियर सेकंडरी स्कूल ने 6 मई 2015 को अंतिम बार स्कूली कार्यक्रम की फोटो पोस्ट की। जिसमें तत्कालीन प्रिंसीपल कृष्णचंद वर्मा मेधावी विद्यार्थी को सम्मानित कर रहे है।
इसी तरह गर्ल्ज सीनियर सेकंडरी स्कूल ने 20 अगस्त 2016 को गेस्ट टीचरों की रि-ज्वाइनिंग को लेकर अंतिम पोस्ट डाली। गांव भिरडाना के स्कूल ने भी दूसरे स्कूलों की तरह ही 17 फरवरी 2014 को अंतिम बार कंप्यूटर लैब कक्षाओं की फोटो खींच कर फेसबुक पर पोस्ट की। दरियापुर, ढींगसरा, मोची चौबारा, बनावाली, चंदडकलां सहित जिले के अनेक स्कूलों का भी ऐसा ही हाल है। फर्क सिर्फ इतना है कि किसी ने पेज बंद पहले कर दिया तो किसी ने बाद में। फेसबुक ने कई स्कूलों के पेज को डिलीट कर दिया है।
स्टाफ की बदली के बाद नहीं संभाली किसी ने जिम्मेदारी: बताया जाता है कि स्कूल स्टाफ में फेसबुक पर कमान संभालने वाले प्रिंसीपल शिक्षकों का तबादला होने के बाद दूसरे शिक्षकों ने इसमें अपनी रूचि नहीं दिखाई। जिसके कारण सरकारी स्कूलों की सोशल मीडिया पर कमान खत्म हो गई।
पेज बनाने का ये था उद्देश्य: फेसबुकपर पेज बनाकर स्कूली भवन, कक्षाओं, कंप्यूटर लैब साईंस लैब आिद फोटो अपलोड कर स्कूल प्रिंसीपल या फिर शिक्षक का मोबाइल नंबर देना था। ताकि युवाओं को सरकारी स्कूलों में मिलने वाली बेहतर शिक्षा का पता चल सके और वे भी दूसरे विद्यार्थियों की तरह सरकारी स्कूलों की ओर आकर्षित हो सके। फेसबुक पर प्रिंसीपल या शिक्षक द्वारा समय-समय स्कूल में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों, वार्षिक समारोह स्पैैशल टूर आिद की फोटो के साथ जानकारी देते रहे। लेकिन शिक्षकों के द्वारा रूचि लेने से शिक्षा विभाग की योजना फेल हो गई है।
निर्देश जारी कर शुरू करवाएंगे स्कूलाें के पेज - बीईओ: फतेहाबाद के बीईओ कुलदीप सिहाग ने बताया कि फेसबुक पर सीनियर सेकंडरी स्कूलों के बंद पड़े पेजों को फिर से शुरू करवाया जाएगा। इसके लिए वे निर्देश जारी करेंगे और संबंधित स्कूल से पेज बंद करने का जवाब मांगा जाएगा।
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साभार: जागरण समाचार
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