Wednesday, May 10, 2017

हाउस डिमांड सर्वे जल्द, औपचारिकताओं को मिलेंगे 45 दिन, दस्तावेज जमा न होने पर रद्द होगा आवेदन

हरियाणा के बेघर परिवारों को हाउसिंग फॉर ऑल स्कीम के तहत मकान उपलब्ध कराने के उद्देश्य से डिमांड सर्वे प्रदेश में इसी माह शुरू होने की संभावना है। इसमें आवेदन करने और ऑनलाइन किए आवेदन के साथ
दस्तावेज जमा करवाने के लिए केवल 45 दिन मिलेंगे। ऑनलाइन आवेदन करने वाले जो व्यक्ति इस अवधि में अपने दस्तावेज जमा नहीं करवाएंगे, उनके आवेदन स्वत: ही निरस्त मान लिए जाएंगे। इस सर्वे की अवधि नहीं बढ़ेगी। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। इसलिए राज्य के सभी 80 शहरों के नगरीय निकाय अधिकारियों को रात-दिन लगकर यह काम पूरा करवाने को कहा गया है। यहां हरियाणा निवास में मंगलवार को हाउसिंग फॉर ऑल और नेशनल अरबन लाइवलीहुड मिशन को लेकर एक वर्कशॉप में यह जानकारी दी गई। 
शहरी स्थानीय निकाय विभाग के प्रधान सचिव आनंद मोहन शरण, निदेशक शेखर विद्यार्थी की मौजूदगी में हुई इस वर्कशॉप में सभी निकायों के आयुक्त, सचिव, अधिशासी अधिकारी और चीफ प्रोजेक्ट ऑफिसर मौजूद थे। इस दौरान हरियाणा सरकार की सलाहकार फर्म याशी कंसलटेंसी के प्रबंध निदेशक संजय गुप्ता ने पावर पाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से योजना और इसे बेहतर ढंग से लागू करने को लेकर विस्तृत जानकारी दी। 
घर-घर जाकर दस्तावेजों की होगी जांच: हाउस डिमांड सर्वे संभवत: इसी महीने शुरू किया जा सकता है। इस दौरान सुबह 7 से रात्रि 9 बजे जगह-जगह कैंप लगाकर जरूरतमंदों के फार्म भरवाए जाने हैं। जिन लोगों ने मकान के लिए ऑनलाइन आवेदन किया हुआ है, उन्हें भी अपनी आईडी के साथ जाकर कैंप में अथवा नगरीय निकाय में चैक लिस्ट के मुताबिक दस्तावेज जमा करवाने होंगे। जिनके दस्तावेज जमा नहीं होंगे उनके आवेदन स्वत: ही निरस्त मान लिए जाएंगे। जिन आवेदकों के दस्तावेज कंप्लीट होंगे, उनका घर-घर जाकर वेरिफिकेशन भी किया जाएगा।
कब्जे वाली जमीनों के लिए अलग बनेगी पॉलिसी: जो लोग कब्जेशुदा जमीनों पर रह रहे हैं, सरकार उनके लिए सरकार अलग पॉलिसी बनाने पर विचार कर रही है। इनके लिए पुनर्विकास के तहत पीपीपी मॉडल पर मकान बनवाए जाएंगे। इसके लिए उन्हें वहीं पर मकान उपलब्ध कराए जहां पर वे रह रहे हैं। 
अनधिकृत कॉलोनी वालों को नहीं मिलेगा फायदा: अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वालों को हाउसिंग फॉर ऑल स्कीम का कोई लाभ नहीं मिलेगा। आवेदकों को केवल वैध दस्तावेजों के आधार पर ही मकान बनाने के लिए ऋण और केंद्र की ओर से देय सब्सिडी मिलेगी। जिन लोगों के पास वैध दस्तावेज नहीं हैं, अथवा किराए के मकान में रह रहे हैं। उन्हें अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम का विकल्प चुनना होगा। 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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