छात्र जैसे ही कॉर्पोरेट जगत में प्रवेश करते हैं, तो कम्युनिकेशन एबिलिटी छात्रों के स्किल का महत्वपूर्ण पहलू बनकर सामने आता है। प्रभावी कम्युनिकेशन स्किल हो तो कंपनी में अपने साथी कर्मचारियों के साथ अच्छी वर्किंग रिलेशनशिप बनाने में मदद मिलती है। इसके साथ ही यह क्लाइंट और ग्राहकों के साथ अच्छी बिज़नेस
रिलेशनशिप स्थापित करने में मदद करता है, जो लम्बे समय तक चले। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। हम कंपनियों से बात करते हैं और समझने की कोशिश करते हैं कि फ्रेशर को हायर करते समय क्या चीजें उन्हें उत्साहित करती हैं। बिज़नेस कम्युनिकेशन उनके लिए महत्वपूर्ण पहलू होता है। यहां कुछ चीजें दी गई हैं, जिनका एचआर प्रोफेशनल किसी फ्रेशर को हायर करते समय ध्यान रखते हैं।
लहजा, शब्दों का चुनाव है अहम: कंपनी में किसी कर्मचारी या क्लाइंट से बात करते समय बात करने का लहजा सकारात्मक होना महत्वपूर्ण होता है। उदाहारण के लिए समस्याओं के लिए अपना बचाव करने या बहस करने की बजाय कोई अन्य विकल्प देने या समस्या का हल बताने की कोशिश करें। यदि किसी काम में सहकर्मी की मदद चाहते हैं, तो बातों से ऐसा लगना चाहिए कि आपको मदद की जरूरत है। टीम या क्लाइंट से बात करते समय मुखर रहें, लेकिन ध्यान रहे कि आपका रवैया अाक्रामक हो। एक लय में बात करने से बचना चाहिए और संवाद में ऊर्जा को सम्मिलित करें। यदि आप अपनी बातों से टीम या क्लाइंट को प्रभावित कर पाते हैं, तो रिजल्ट आपके पक्ष में होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
अच्छा श्रोता होना जरूरी: बिज़नेस कम्युनिकेशन में बोलने जितना ही महत्वपूर्ण होता है सुनना। अपनी बातों और विचारों से प्रभावित होने से बचना चाहिए और दूसरों की बातों को भी अहमियत देनी चाहिए। बिज़नेस मीटिंग के दौरान पहले ध्यान से सुनना और उसके बाद ही किसी प्रकार का प्रश्न करना उचित होता है। जिज्ञासा बनाए रखने से और प्रश्न पूछने से टाॅपिक पर फोकस बना रहता है।
ई-मेलकी लेखन शैली भी महत्वपूर्ण: ई-मेल भी बिज़नेस कम्युनिकेशन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। एक अनुमान के अनुसार एक ऑफिस एंप्लॉई दिन में औसतन 122 ई-मेल भेजता या रिसीव करता है। ऐसे में बिज़नेस लेखन शैली का प्रभावी होना भी जरूरी है। ई-मेल करते समय विषय का चुनाव महत्वपूर्ण होता है। उदाहरण के लिए, यदि काम को जल्द से जल्द करना है, तो विषय में डेडलाइन का जिक्र करना चाहिए। वाक्यों को छोटा रखें और कोशिश करें कि मेल छोटा ही रहे। मेल में काम के लिए जिम्मेदार व्यक्ति का जिक्र करें। ई-मेल भेजने से पहले स्पेलिंग, ग्रामर और अन्य चीजों को चेक कर लें।
छात्र जैसे ही कॉर्पोरेट जगत में प्रवेश करते हैं, तो कम्युनिकेशन एबिलिटी छात्रों के स्किल का महत्वपूर्ण पहलू बनकर सामने आता है। प्रभावी कम्युनिकेशन स्किल हो तो कंपनी में अपने साथी कर्मचारियों के साथ अच्छी वर्किंग रिलेशनशिप बनाने में मदद मिलती है। इसके साथ ही यह क्लाइंट और ग्राहकों के साथ अच्छी बिज़नेस रिलेशनशिप स्थापित करने में मदद करता है, जो लम्बे समय तक चले। हम कंपनियों से बात करते हैं और समझने की कोशिश करते हैं कि फ्रेशर को हायर करते समय क्या चीजें उन्हें उत्साहित करती हैं। बिज़नेस कम्युनिकेशन उनके लिए महत्वपूर्ण पहलू होता है। यहां कुछ चीजें दी गई हैं, जिनका एचआर प्रोफेशनल किसी फ्रेशर को हायर करते समय ध्यान रखते हैं।
लहजा, शब्दों का चुनाव है अहम: कंपनी में किसी कर्मचारी या क्लाइंट से बात करते समय बात करने का लहजा सकारात्मक होना महत्वपूर्ण होता है। उदाहारण के लिए समस्याओं के लिए अपना बचाव करने या बहस करने की बजाय कोई अन्य विकल्प देने या समस्या का हल बताने की कोशिश करें। यदि किसी काम में सहकर्मी की मदद चाहते हैं, तो बातों से ऐसा लगना चाहिए कि आपको मदद की जरूरत है। टीम या क्लाइंट से बात करते समय मुखर रहें, लेकिन ध्यान रहे कि आपका रवैया अाक्रामक हो। एक लय में बात करने से बचना चाहिए और संवाद में ऊर्जा को सम्मिलित करें। यदि आप अपनी बातों से टीम या क्लाइं को प्रभावित कर पाते हैं, तो रिजल्ट आपके पक्ष में होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
अच्छा श्रोता होना जरूरी: बिज़नेस कम्युनिकेशन में बोलने जितना ही महत्वपूर्ण होता है सुनना। अपनी बातों और विचारों से प्रभावित होने से बचना चाहिए और दूसरों की बातों को भी अहमियत देनी चाहिए। बिज़नेस मीटिंग के दौरान पहले ध्यान से सुनना और उसके बाद ही किसी प्रकार का प्रश्न करना उचित होता है। जिज्ञासा बनाए रखने से और प्रश्न पूछने से टाॅपिक पर फोकस बना रहता है।
ई-मेल की लेखन शैली भी महत्वपूर्ण: ई-मेल भी बिज़नेस कम्युनिकेशन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। एक अनुमान के अनुसार एक ऑफिस एंप्लॉई दिन में औसतन 122 ई-मेल भेजता या रिसीव करता है। ऐसे में बिज़नेस लेखन शैली का प्रभावी होना भी जरूरी है। ई-मेल करते समय विषय का चुनाव महत्वपूर्ण होता है। उदाहरण के लिए, यदि काम को जल्द से जल्द करना है, तो विषय में डेडलाइन का जिक्र करना चाहिए। वाक्यों को छोटा रखें और कोशिश करें कि मेल छोटा ही रहे। मेल में काम के लिए जिम्मेदार व्यक्ति का जिक्र करें। ई-मेल भेजने से पहले स्पेलिंग, ग्रामर और अन्य चीजों को चेक कर लें।
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साभार: भास्कर समाचार
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