शहर की सड़कों पर दुधारू पशु छोड़ना जल्द ही आपकी जेब पर भारी पड़ सकता है। सरकार दुधारू पशुओं को छोड़ने वालों पर जल्द ही शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है। गोसेवा आयोग ने प्रदेशभर से पशुओं से छुटकारा दिलाने के लिए प्रदेश सरकार को तीन प्रमुख सुझाव दिए हैं। सरकार से इन सुझावों पर अमल करने के लिए
प्रस्ताव दे दिया है। यदि प्रस्तावों पर मुहर लगी तो हर ग्राम पंचायत पर अस्थायी बाड़े खोले जाएंगे। नगर पालिका, नगर परिषद और नगर निगमों को भी अस्थाई तौर से ऐसे ही इंतजाम करने होंगे। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। इसके लिए सभी जिलों को फिर से 35-35 लाख रुपये आवंटित करने की तैयारी हो चुकी है, सरकार 15-15 लाख रुपये आवंटित करने की पहले ही घोषणा कर चुकी है। जबकि दूध निकालकर सुबह शाम दुधारू गायों को सड़कों पर छोड़ने वालों पर 5100 रुपये जुर्माना भरना पड़ सकता है। इस संबंध में सरकार के माध्यम से गो सेवा आयोग सभी जिलों के डीसी और एसपी को जल्द ही आदेश जारी करने की तैयारी कर रहा है।
रोहतक, हिसार सहित तमाम जिलों में लावारिस पशुओं को लेकर जनता में जबरदस्त गुस्सा है। करीब तीन सप्ताह पहले तो रोहतक में संतों और संगठनों को अनशन पर बैठना पड़ा था। यही वजह है कि गो सेवा आयोग ने सड़कों पर घूमने वाले लावारिस पशुओं से चुनिंदा जिलों ही नहीं बल्कि समूचे प्रदेश के लिए योजना तैयार कर की है।
आयोग ने जो तीन सुझाव सरकार को दिए हैं, उससे पूर्व सभी लावारिस पशुओं के लिए टै¨गग का भी प्रस्ताव सरकार को सौंपा गया था। उस पर अमल होना शुरू हो गया है और अब हर पशु के टै¨गग अनिवार्य कर दिया है। आयोग की यह भी तैयारी है कि पंचायत स्तर से लेकर पालिका, परिषद और नगर निगमों में गो अभ्यारण्य या फिर गोशालाएं बनने तक अस्थाई बाड़े निर्मित कराएं जाएं। यहां पशुओं को रखने से लेकर चारे, गोदाम से लेकर अन्य व्यवस्थाओं का जिम्मा संबंधित जिलों के प्रशासनिक अधिकारी उठाएं।
गोशाला आयोग ने लावारिस पशुओं से निजात दिलाने सरकार को दिए सुझाव: हमने प्रदेश के तमाम जिलों से आए सुझावों के आधार पर निष्कर्ष निकाला है कि गांव, कस्बा और शहरी स्तर पर छोटे-बड़े अस्थाई बाड़े बनाए बिना पशुओं से निजात नहीं मिल सकती है। इसके लिए हर जिले को अतिरिक्त बजट दिलाएंगे। दूसरा यह भी तैयारी कर रहे हैं कि दुधारू पशुओं को छोड़ने वालों पर 5100 रुपये जुर्माना लगाने पर भी हमने सिफारिश की है। - भानीराम मंगला, चेयरमैन, गो सेवा आयोग।
गोशाला आयोग ने लावारिस पशुओं से निजात दिलाने सरकार को दिए सुझाव: हमने प्रदेश के तमाम जिलों से आए सुझावों के आधार पर निष्कर्ष निकाला है कि गांव, कस्बा और शहरी स्तर पर छोटे-बड़े अस्थाई बाड़े बनाए बिना पशुओं से निजात नहीं मिल सकती है। इसके लिए हर जिले को अतिरिक्त बजट दिलाएंगे। दूसरा यह भी तैयारी कर रहे हैं कि दुधारू पशुओं को छोड़ने वालों पर 5100 रुपये जुर्माना लगाने पर भी हमने सिफारिश की है। - भानीराम मंगला, चेयरमैन, गो सेवा आयोग।
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साभार: जागरण समाचार
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