चीन ने अगर फिर कोई पेंच नहीं फंसाया तो जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर जल्द वैश्विक आतंकी घोषित हो जाएगा। उसको आतंकी घोषित कराने के लिए संयुक्त राष्ट्र में पेश भारत के प्रस्ताव पर चीन के वीटो की मियाद हफ्ते-दस दिन में खत्म होने वाली है। इसके बाद बीजिंग ने फिर विरोध नहीं किया तो भारत का
प्रस्ताव पारित समझा जाएगा। क्योंकि चीन को छोड़कर सुरक्षा परिषद के बाकी 14 सदस्य देश मसूद अजहर को आतंकी घोषित करने के पक्ष में हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। इस वर्ष 31 मार्च को सुरक्षा परिषद में वीटो अधिकार प्राप्त सदस्य देश चीन ने भारत के उस प्रस्ताव पर रोक लगा दिया था, जिसमें जैश प्रमुख को आतंकी घोषित करने की संयुक्त राष्ट्र से मांग की गई थी। इस प्रस्ताव पर चीन के तकनीकी रोक की अवधि 30 सितंबर को समाप्त होने वाली है। ध्यान रहे कि 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद में अकेले चीन ने भारत के उक्त प्रस्ताव का विरोध किया था। जबकि बाकी सभी 14 सदस्य देश मसूद को आतंकी घोषित करने के पक्ष में थे। वैश्विक आतंकवादियों से संबंधित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रतिबंध समिति की 1267 सूची में नाम दर्ज होने पर संपत्ति जब्ती के साथ जैश सरगना पर यात्र प्रतिबंध भी लग जाएगा। सूत्रों का कहना है, ‘तकनीकी रोक की छह माह की अवधि हफ्ते-दस दिन में समाप्त होने वाली है। चीन ने फिर कोई पेंच नहीं फंसाया तो भारत का प्रस्ताव पारित समझा जाएगा क्योंकि सुरक्षा परिषद के बाकी 14 सदस्य भारत द्वारा पेश प्रस्ताव के समर्थन में हैं। इस प्रकार जैश प्रमुख मसूद अजहर के आतंकी घोषित होने का रास्ता साफ हो जाएगा।’ उनके मुताबिक, ‘आतंकवाद के खिलाफ मौजूदा वैश्विक माहौल में चीन मसूद को आतंकी घोषित कराने वाले प्रस्ताव का फिर अकेले विरोध करने की स्थिति में नहीं है।
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साभार: जागरण समाचार
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