Sunday, September 25, 2016

अगर आप करते हैं ये चार काम, तो आप हैं 'मेंटली स्ट्रांग'

दिमागी क्षमताओं की परख परिस्थितियां लगातार करती रहती हैं। दिमाग की असली क्षमता सिर्फ इस बात पर निर्भर नहीं करती कि आप क्या करते हैं, बल्कि इसका आधार यह भी है कि आप क्या नहीं करते। थॉमस एडिसन इसका सबसे अच्छा उदाहरण हैं। 1914 में उनकी फैक्टरी में आग लग गई। आग इतनी बड़ी थी कि
सबकुछ नष्ट हो गया। उनके बनाए नए प्रोडक्ट के कुछ प्रोटोटाइप इस आग में नष्ट हो गए। उन्हें 23 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ। इसके बावजूद एडिसन की प्रतिक्रिया में कहीं निराशा नहीं थी। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा था- भगवान का शुक्र है हमारी सारी गलतियां इस आग में जल कर राख हो गईं। अब हम नए सिरे से शुरुआत कर सकते हैं। उनकी प्रतिक्रिया मेंटल स्ट्रेन्थ को दर्शाती है। ऐसी ही क्षमताएं कुछ लोगों को अन्य से काफी आगे ले जाती हैं। जानते हैं दिमागी रूप से सक्षम लोग मुसीबत में, क्या करते हैं और क्या नहीं करते हैं: 
  1. फोकस करते हैं, इसलिए निगेटिविटी नहीं आती: मेंटली टफ लोग अच्छी तरह जानते हैं कि कहां फोकस करना है। अनुभव उन्हें सिखा देता है कि जब मुसीबत में समस्या पर फोकस करेंगे तो निगेटिव इमोशंस और तनाव के लंबे सिलसिले में फंस जाएंगे। जो उनके काम को भी प्रभावित करेगा। इसके उलट वे लोग ध्यान समस्या के समाधान पर लगा देते हैं। वे यह तय करने में लग जाते हैं कि अब आगे क्या करना है। इससे पॉजिटिविटी आती है। और इस तरह उनका काम सुधरता है। वे पुरानी गलतियों से जल्दी उबर जाते हैं और तुरंत नए काम में लग जाते हैं। 
  2. डटे रहते हैं, इसलिए हार का अहसास नहीं होता: मेंटली स्ट्रॉन्ग लोग डटे रहते हैं। वे असफल होकर पीछे नहीं हटते। वे इसलिए काम करना बंद नहीं कर देते कि वे थक गए हैं या असुविधा हो रही है। उनके काम करने का कोई तय समय भी नहीं होता। वे तब तक काम करते रहते हैं जब तक कि वह पूरा नहीं हो जात। वे लगातार लक्ष्य पर ध्यान लगाए रखते हैं। मुसीबत में उनकी यह भावना और ताकतवर हो जाती है। वे असफलता को हार की तरह नहीं लेते। वे लोग इस बात पर बहुत ध्यान नहीं देते कि लोग क्या कहेंगे। अगर कोई कहता है कि आप ऐसा नहीं कर पाएंगे तो उनका मानना होता है ये तो एक ही व्यक्ति की राय है। इससे उनके काम पर कोई खास फर्क नहीं पड़ता। 
  3. अफसोस नहीं करते, इसलिए भरोसा बना रहता है: सबसे बुरी चीज होती है अपने किए पर अफसोस करना। खुद को कोसने से व्यक्ति का खुद पर नियंत्रण खत्म हो जाता है। इससे यह भी साबित होता है कि व्यक्ति असहाय हो गया है और परिस्थिितयों का सामना नहीं कर पा रहा है। मेंटली स्ट्रॉन्ग लोग कभी अफसोस नहीं करते। क्योंकि इसका मतलब होता है- अपनी ताकत पर भरोसा नहीं करना। इसलिए वे किसी से माफी की उम्मीद नहीं करते। 
  4. पसंद का काम करते हैं, इसलिए थकते नहीं: वे अपनी कमान किसी और के हाथ में नहीं सौंपते। अपनी खुशी पूरी तरह अपने हाथ में रखते हैं। वे जो भी करते हैं उसे पूरी खुशी से करते हैं। वे किसी की राय पर तुरंत अपने विचार नहीं बदल लेते। वे जानते हैं कि लोगों की राय क्षणिक होती है। कई बार कम जानकारी पर आधारित होती है और बार-बार बदलती है। दिमागी रूप से सशक्त लोग किसी से अपनी तुलना में नहीं पड़ते। वे सिर्फ अपने काम में लगे रहते हैं।

Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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