हरियाणा के शिक्षा विभाग में पिछले 5 वर्षों से कानूनी अड़चनों के चलते लटकी पड़ी हजारों चयनित जेबीटी (प्राइमरी शिक्षक) की भर्ती जल्द होने का रास्ता शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट को निर्देश दिया है कि चयनित जेबीटी की नियुक्ति पर लगी रोक संबंधी केस का दो
महीने की निर्धारित तय अवधि में फैसला करे, ताकि नियुक्तियों में अनावश्यक देरी को टाला जा सके। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि चयनित जेबीटी शिक्षकों की नियुक्ति पर लगाए स्टे ऑर्डर में हाईकोर्ट अब उचित बदलाव करने की संभावना भी तलाशें क्योंकि स्टे ऑर्डर के चलते हजारों शिक्षकों की नियुक्तियां रुकी हुई हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। चयनित जेबीटी संघर्ष समिति की ओर से सोमदत्त व 5 अन्य चयनित जेबीटी ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर कर स्टे ऑर्डर के चलते नियुक्तियों में देरी का मुद्दा उठाया। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आर. वेंकटरमनी ने बेंच को बताया कि हाईकोर्ट ने तिलकराज बनाम हरियाणा सरकार केस में 30 मार्च 2011 को रेगुलर जेबीटी भर्ती 31 दिसम्बर 2011 तक पूरी करने के आदेश दिए थे। फिर 20 मार्च 2012 को 322 दिन का और अतिरिक्त समय भी दिया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी 30 मार्च 2012 को पुनः 322 दिन में रेगुलर जेबीटी भर्ती पूरी करने का आदेश पारित किया था। लेकिन करीब 6 साल की अवधि बीतने के बाद भी भर्ती पूरी नहीं हुई। रेगुलर जेबीटी भर्ती का रिजल्ट घोषित हुए भी 2 साल से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन बार-बार रही कानूनी अड़चनों अब फिर से हाईकोर्ट द्वारा 11 मई को स्टे ऑर्डर जारी करने से नियुक्तियां नहीं हो पा रही।
बहस के दौरान बेंच को बताया गया कि तिलकराज केस में दायर अवमानना याचिका में सुप्रीम कोर्ट ने 26 मार्च 2014 को भी हाईकोर्ट को अंतिम कुमारी केस का जल्दी फैसला करने नियुक्तियां करने का आदेश दिया था। बहस सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस शिवा कीर्ति सिंह जस्टिस आर. भानुमति की बेंच ने हाईकोर्ट को जेबीटी की नियुक्तियों पर रोक संबंधी केस का 2 महीने में अंतिम फैसला सुनाने का निर्देश दिया है। जेबीटी की ज्वाइनिंग को लेकर एक बार हाईकोर्ट ने फैसला सुना दिया था लेकिन नियुक्ति नहीं हुई। बाद में डबल बेंच ने नियुक्ति पर स्टे लगा दिया। नियुक्ति से वंचित रहे करीब 25 लोगों ने याचिका लगा रखी है, जिसमें कहा गया है कि उन्हें एमए के दो अंक नहीं दिए गए।
इस वक्त जेबीटी पदों पर करीब छह हजार गेस्ट टीचर काम कर रहे हैं। पिछले दिनों सरकार ने जेबीटी के तबादले किए। इसमें जिन अतिथि अध्यापकों के पद पर नियमित टीचर आए, उन्हें समायोजन की तैयारी सरकार कर रही है। यदि नियमित जेबीटी को नियुक्ति मिलती है तो इन गेस्ट टीचरों की सेवा समाप्त होने की संभावना है।
सरकारी स्कूलों में प्राइमरी शिक्षकों के 16,254 पद खाली पड़े हैं। 5 साल से नियमित भर्ती नहीं हुई है। अतिथि अध्यापकों के सहारे काम चलाया जा रहा है। सरकार ने वर्ष 2011 में 9,455 जेबीटी की भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी। बाद में वर्ष 2013 में करीब 3,276 जेबीटी को शामिल कर लिया गया। इस तरह 12,731 चयनित जेबीटी नियुक्ति पत्र के इंतजार में हैं। सरकार कह चुकी है कि हाईकोर्ट से स्टे हटते ही नियुक्ति पत्र जारी कर दए जाएंगे।
पीआरटी भर्ती सूची एक दो में चयनित कुल 12731 उम्मीदवारों में से अभी तक करीब 700 उम्मीदवारों ने अंगूठा जांच में हिस्सा नहीं लिया है। इन सभी उम्मीदवारों को अंगूठों की छाप, हस्ताक्षर उनके प्रमाण पत्रों एवं एचटेट प्रमाण पत्र की जांच के लिए शिक्षा निदेशालय ने 29 सितंबर को एक अंतिम मौका दिया है। इससे पहले तीन बार मौका दिया जा चुका है।
इस वक्त जेबीटी पदों पर करीब छह हजार गेस्ट टीचर काम कर रहे हैं। पिछले दिनों सरकार ने जेबीटी के तबादले किए। इसमें जिन अतिथि अध्यापकों के पद पर नियमित टीचर आए, उन्हें समायोजन की तैयारी सरकार कर रही है। यदि नियमित जेबीटी को नियुक्ति मिलती है तो इन गेस्ट टीचरों की सेवा समाप्त होने की संभावना है।
सरकारी स्कूलों में प्राइमरी शिक्षकों के 16,254 पद खाली पड़े हैं। 5 साल से नियमित भर्ती नहीं हुई है। अतिथि अध्यापकों के सहारे काम चलाया जा रहा है। सरकार ने वर्ष 2011 में 9,455 जेबीटी की भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी। बाद में वर्ष 2013 में करीब 3,276 जेबीटी को शामिल कर लिया गया। इस तरह 12,731 चयनित जेबीटी नियुक्ति पत्र के इंतजार में हैं। सरकार कह चुकी है कि हाईकोर्ट से स्टे हटते ही नियुक्ति पत्र जारी कर दए जाएंगे।
पीआरटी भर्ती सूची एक दो में चयनित कुल 12731 उम्मीदवारों में से अभी तक करीब 700 उम्मीदवारों ने अंगूठा जांच में हिस्सा नहीं लिया है। इन सभी उम्मीदवारों को अंगूठों की छाप, हस्ताक्षर उनके प्रमाण पत्रों एवं एचटेट प्रमाण पत्र की जांच के लिए शिक्षा निदेशालय ने 29 सितंबर को एक अंतिम मौका दिया है। इससे पहले तीन बार मौका दिया जा चुका है।
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साभार: भास्कर समाचार
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