भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध की आशंका के कमजोर पड़ने का संकेत देते हुए रूसी सैनिकों का दल शुक्रवार को पाकिस्तान पहुंच गया। यह दल 24 सितंबर से दस अक्टूबर के बीच पाकिस्तानी सैनिकों के साथ युद्ध स्थितियों का संयुक्त अभ्यास करेगा। इस संयुक्त अभ्यास को ‘फ्रेंडशिप 2016’ का नाम दिया गया है। यह जानकारी
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल असीम बाजवा ने ट्विटर पर दी है। उन्होंने रूसी सैनिकों के पाकिस्तान में होने के कुछ फोटो भी संलग्न किए हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। रूस की दक्षिणी सैन्य कमान की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि सैन्य टुकड़ी में पर्वतीय ब्रिगेड के 70 सैनिक भी शामिल हैं। रूस की इस ब्रिगेड को पर्वतीय युद्ध में महारत हासिल है और उसके पास संवेदनशील हथियारों का जखीरा है। पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार यह अभ्यास गुलाम कश्मीर के गिलगिट-बाल्टिस्तान स्थित सेना के टेनिंग स्कूल में होगा। इसमें दोनों देशों के दो सौ सैनिक हिस्सा लेंगे।
माना जाता है कि एबटाबाद में अमेरिका द्वारा अल कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन को एकतरफा कार्रवाई में मारे जाने के बाद पाकिस्तान ने 2011 में अपनी सामरिक नीति को बदलने का फैसला किया था। इसी के चलते उसने रूस से संबंध विकसित किए। बीते 15 महीनों में पाकिस्तान के सेना, वायुसेना और नौसेना के प्रमुखों ने रूस के दौरे किए हैं और अपने समकक्षों से सहयोग की चर्चा की है। इसी दौरान रूस से चार एमआइ-35 हेलीकॉप्टर खरीदने का भी समझौता हुआ है। शीतयुद्ध काल में दोनों देश काफी दूर थे और उनके बीच महज औपचारिक रिश्ते थे। उस दौर में रूस भारत का बड़ा रक्षा सहयोगी था।
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साभार: भास्कर समाचार
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